भोपाल। उपभोक्ताओं की सेवा में तत्पर रहने का दावा करने वाली बिजली कंपनी के माथे पर शुक्रवार को उस समय कलंक लग गया जब आंधी बारिश के दौरान लगभग 5 घंटे तक आधा भोपाल शहर अंधेरे में डूबा हुआ था और बिजली कंपनी के हेल्पलाइन नंबर काम नहीं कर रहे थे।
आंधी के दौरान बिजली कंपनी ने टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर बंद कर दिया था
शुक्रवार को भोपाल शहर में काफी तेज आंधी और बारिश होती रही। लगभग 5 घंटे तक भोपाल शहर का आम जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। स्वाभाविक तौर पर ऐसे समय में बिजली कंपनियां बिजली सप्लाई डिस्कनेक्ट कर देती है, लेकिन ग्राहकों को सांत्वना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर तो चालू रखनी चाहिए थे। टोल फ्री नंबर 1912 पर कॉल स्वत: कटने लगे। टेलीफोन नंबर 0755-2551222 व्यस्त बताते रहा। ऐसा तभी होता है जब नंबर को अपनी तरफ से बंद कर दिया जाए।
भोपाल में मात्र 3:30 घंटे में बिजली सप्लाई की 600 से ज्यादा शिकायतें
बावजूद इसके लोगों ने व्हाट्सएप चैटबॉट नंबर और कुछ ने उपाए एप के माध्यम से शिकायतें दर्ज कराई। शाम छह बजे से रात 9.30 बजे तक 600 से अधिक शिकायतें पहुंची।
भोपाल के इन क्षेत्रों में बिजली कंपनी के उपभोक्ता परेशान होते रहे
नेहरू नगर, पीएंडटी चौराहा, सेमरा, चांदबड़, बागमुगालिया, स्प्रिंग वैली, होशंगाबाद रोड, पुराना भोपाल, कोटरा सुल्तानाबाद, दानिश कुंज, गगन विहार कॉलेनी जाटखेड़ी, भरत नगर क्षेत्र, बावड़िया, गुलमोहर, सलैय्या, पल्लवी नगर, आकृति ईको सिटी, भदभदा, बरखेड़ा पठानी, अवधपुरी, अयोध्या नगर, भेल, भोपाल स्टेशन क्षेत्र, जहांगीराबाद, निशातपुरा समेत सभी क्षेत्रों की सप्लाई बंद हो गई। इनमें से कुछ क्षेत्रों की सप्लाई रात 9 बजे तक बहाल हो गई थी और कुछ की सप्लाई देर रात तक बहाल नहीं हुई थी।
रोज कर रहे थे छह घंटे मेंटेनेंस फिर भी सप्लाई बंद हो गई
बिजली कंपनी तेज बारिश व हवा के समय सप्लाई बंद न हो, इसके लिए रोज दो से छह घंटे सप्लाई बंद कर रही है। तब भी कई क्षेत्रों में पेड़ों की डालियां तारों तक पहुंच गई है और हवा चलते ही सप्लाई बंद हो गई।
जान जोखिम में डालकर बहाल की सप्लाई
सप्लाई बाधित होने के बीच बिजली कंपनी के अधिकारियों ने आउटसोर्स कर्मचारियों को बिजली लाइन के फॉल ठीक करने के लिए भेजा पुलिस स्टाफ रात 12:00 बजे तक आउटसोर्स कर्मचारी जान का जोखिम लेकर भोपाल शहर में बिजली की सप्लाई बहाल करते रहे। बताने की जरूरत नहीं कि बिजली कंपनी अपने आउटसोर्स कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति की सुविधा भी नहीं देती।