अलीराजपुर। MP के अलीराजपुर के नानपुर थाने के मोरी फलिया गांव में अपनी बेटी के शव को मायके वाले श्मशान से ससुराल वालों से छीन लाए। शव इसलिए नहीं लाए कि उन्हें बेटी से प्यार था, बल्कि वह दंड वसूलना चाहते थे। 30 साल पहले उसने घर से भाग कर शादी की थी। थाने में काफी विवाद के बाद मायके वालों ने 5 हजार रुपए दिए तब जाकर शव लौटाया।
नानपुर के मोरी फलिया निवासी सन बाई (55) की बीमारी के चलते बुधवार को मौत हो गई थी। मौत के बाद गुरुवार को अंतिम संस्कार करना था। परिजन शव मुक्तिधाम लेकर पहुंच गए। इसी दौरान सन बाई के मायके वाले छोटा उंडवा गांव से आ गए। वहां विवाद करकेे शव वाहन में रखकर अपने गांव ले जाने लगे। मायके वालों का आरोप है कि 30 साल पहले उनके परिवार की बेटी ने भाग कर शादी की थी। उस समय का 5 हजार रुपए का दहेज/दापा (दंड) बकाया है। जब तक उन्हें ये राशि नहीं दी जाएगी, तब तक वे महिला का शव नहीं देंगे और शव को अपने गांव में ले जाकर जलाएंगे।
शव लेकर वह नानपुर के थाने पहुंच गए। वहां पर दोनों पक्षों में विवाद हुआ। महिला के बच्चे भी शव को मायके वालों को नहीं देने की बात पर अड़े थे। बच्चों का कहना था कि हमारी मां लंबे समय से बीमार थी। कई अस्पतालों में इलाज भी करवा लिया। उनके पेट में दर्द रहता था। कई जगह तंत्र-मंत्र भी करवा लिए लेकिन हालात में सुधार नहीं हुआ। बुधवार को आधे घंटे पेट दर्द हुआ और फिर मौत हो गई।
महिला की एक बच्ची ने कहा कि अब मामा परिवार वाले हमारी मरी हुई मां को ले जाकर क्या करेंगे। उन्हें जितना रुपए चाहिए हम देंगे लेकिन शव नहीं ले जाने देंगे। बाद में 5 हजार दंड देने के बाद शव ससुराल वालों को सौंपा गया। इस तरह पूरा विवाद करीब एक घंटे तक चला। चूंकि मामला आदिवासी समाज की रीति-रिवाज से जुड़ा था, इसलिए पुलिस ने कोई दखल नहीं दिया।