नई बात, आजादी की लड़ाई में सिंधिया ने क्रांतिकारियों का साथ दिया था: पंचायत मंत्री का दावा

Bhopal Samachar
गुना।
मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने दावा किया है कि भारत की आजादी में सिंधिया राजपरिवार का ऐतिहासिक योगदान है। उनका कहना है कि यदि ग्वालियर के महाराज ने ना केवल अपनी स्टेट में क्रांतिकारियों को पनाह दी बल्कि क्रांति की मुहिम को आगे भी बढ़ाया। 

सोमवार दिनांक 1 मार्च 2021 को सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना में थे। उन्होंने दानदाताओं के विरोध के बावजूद हनुमान टेकरी रोड का नाम पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के दादाजी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय सागर सिंह सिसोदिया के नाम पर करने की घोषणा कर दी। इस कार्यक्रम में जहां एक और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पंचायत मंत्री के दादाजी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की वहीं दूसरी ओर पंचायत मंत्री ने दावा किया कि भारत की आजादी की लड़ाई में ग्वालियर के सिंधिया राजपरिवार का महत्वपूर्ण योगदान है।

सिंधिया परिवार का अहसान क्षेत्र पर सदैव बना रहेगा

पंचायत मंत्री सिसोदिया ने कहा कि आज मैं उन लोगों पर अंगुली उठाना चाहता हूं, जो ग्वालियर परिवार के बारे में अनर्गल बात करते हैं। अरे! क्रांतिकारियों से पूछो, अगर ग्वालियर महाराज की इच्छा नहीं होती, तो एक भी क्रांतिकारी ग्वालियर स्टेट में कदम नहीं रख सकता था। स्वतंत्रता आंदोलन में सिंधिया परिवार ने स्वयं को बचाकर क्रांति की मुहिम को आगे बढ़ाया। यह सिंधिया परिवार का अहसान क्षेत्र पर सदैव बना रहेगा। 

इतिहास में सिंधिया राजवंश को अंग्रेजों का मित्र बताया गया है 

भारत के इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों में ग्वालियर के सिंधिया राजवंश को ना केवल अंग्रेजों का मित्र बल्कि पक्का दोस्त बताया गया है। ग्वालियर के महाराजा अंग्रेजी शासन के साथ सहायक गठबंधन के रूप में काम करते थे। ग्वालियर रियासत के अलावा (बड़ौदा, हैदराबाद, मैसूर और जम्मू-कश्मीर) कुल पांच राजा ऐसे थे जिन्हें ब्रिटिश हुकूमत अपना वफादार मानती थी और भारत में ब्रिटिश हुकूमत को मजबूत करने के लिए इन्हें इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती थी।


इतिहास के कौन से पन्नों पर सिंधिया राजवंश को अंग्रेजों का मित्र बताया गया है

  • "Gwalior - Princely State (21 gun salute)". मूल से 8 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अगस्त 2019.
  • Boland-Crewe, Tara; Lea, David (2004). The Territories and States of India. Psychology Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780203402900. मूल से 26 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अगस्त 2019.
  • Columbia-Lippincott Gazetteer, p. 740
  • "Princely States of India". मूल से 1 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अगस्त 2019.

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