बड़वानी। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिला मुख्यालय के कारंजा के समीप स्थित वन मंडल परिसर में शनिवार दोपहर फर्नीचर व्यवसायी का मेग्नीफेक्चर का लायसेंस बनवाने के नाम पर विभाग का बाबू 2500 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार फर्नीचर दुकान संचालित करने वाले अंजड़ निवासी युवक ने फर्नीचर निर्माण कार्य शुरु करने के लिए विभाग से बड़ई का लायसेंस बनवाने का आवेदन दिया था। इसके लिए वे गत दिनों वह मंडल के बाबू इंदरराजसिंह सिसौदिया के पास पहुंचा। बाबू द्वारा लायेंसस के नाम पर आवेदक से तीन हजार रुपए अतिरिक्त राशि की मांग की। इसके बाद आवेदक ने इंदौर लोकायुक्त को शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें विभाग के बाबू द्वारा आवेदक को 2500 रुपए लेकर शनिवार दोपहर बुलावाया था। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया
गौतम पंवार ने बताया कि उन्होंने बड़ई के लिए आवेदन किया था। इस पर विभाग के बाबू द्वारा सीधे तौर पर तीन हजार रुपए की डिमांड की गई। उन्होंने नियमानुसार लायसेंस बनवाने के लिए अनुरोध किया, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं था। इसके बाद इंदौर लोकायुक्त कार्यालय को शिकायती आवेदन भेजा। वहां से पूरे मामले की जानकारी ली। वहीं उसके सामने ही आरोपित बाबू को फोन लगाकर निवेदन किया और राशि कम करने को कहा। इस पर उसने 2500 रुपए लेकर आने की बात कही थी। शनिवार को पकड़ाने के बाद टीम ने कार्यालय में ही कार्रवाई शुरु की तो आरोपित बाबू पछतावे के आंसू बहाता नजर आया।
अंजड़ में जय जोगनी फर्नीचर मार्ट के नाम से दुकान है। वो वर्ष 2014 से यह काम कर रहा है। अब फर्नीचर बनाने के लिए उसने बड़ई का पंजीयन करवाने के लिए विभाग में आवेदन दिया था। इसके एवज में बाबू द्वारा तीन हजार रुपए की मांग की। इस पर आवेदक ने लोकायुक्त एसपी इंदौर को शिकायत की। वहां जांच के बाद आज रुपए के लेन-देन के दौरान आरोपित बाबू को रंगे हाथों पकड़ा गया है। इसके विरुद्ध धारा सात का अपराध दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।