जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में 10 साल के राजा की 15 साल का किशोर ने हत्या की। उसने बाकायदा प्लानिंग की कैसे मारना है और फिर जुर्म को कैसे छुपाना है। पुलिस जुर्म की धाराएं बढ़ाकर किशोर को न्यायालय बोर्ड में पेश करेगी।
जानकारी के मुताबिक, घटना बेलखेड़ा थाना अंतर्गत जुगपुरा की है। यहां रहने वाले रामदास केवट का 10 साल का बेटा धनराज मल्लाह उर्फ राजा 6 मार्च की शाम पड़ोस में रहने वाले चाचा के घर जा रहा था। लेकिन, देर रात तक उसका कहीं पता नहीं चला। इसके बाद परिजनों ने पुलिस थाने में उसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस बीते 8 दिनों से लगातार उसकी तलाश कर रही थी लेकिन उसका कहीं कोई सुराग नहीं लगा।
पुलिस ने बताया कि उसे कुछ महत्वपूर्ण सुराग तब हाथ लगे जब उसने राजा के रिश्तेदार, परिचित और पड़ोसियों से उसके संबंध में पूछताछ की। लेकिन, पुलिस ने राजा की तलाश पूरी होने तक चुप रहना ही बेहतर समझा। इस बीच अपहरण के आठवें दिन 14 मार्च की शाम पुलिस को जानकारी मिली कि नरसिंहपुर जिले के ठेमी थाना अंतर्गत डोंगरगांव के मुराचघाट के पास राजा का शव पानी में उतराता हुआ दिखाई दिया है।
ठेमी थाना पुलिस ने बेलखेड़ा थाने की पुलिस से संपर्क कर शव की शिनाख्त करवाई। शिनाख्त के दौरान परिजनों ने मृत राजा को पहचान लिया। इसके बाद पुलिस ने मामले का खुलासा करते हए बताया कि राजा के सिर पर चोट के निशान मिले हैं। दरअसल राजा की बहन और गांव के ही 15 वर्षीय किशोर के बीच प्रेम संबंध थे। राजा ने उन्हें बात करते हुए देख लिया था। राजा अपने माता-पिता को बहन और 15 वर्षीय किशोर के प्रेमसंबंधों के बारे में बताने की बात कहकर उसे ब्लैकमेल करने लगा।
हर दिन बहन के प्रेमी से वह 100-200 रूपए और खेलने के लिए मोबाइल की मांग करने लगा। 5 मार्च की शाम को भी जब राजा अपने घर से चाचा के घर जाने के लिए निकला तो रास्ते में उसे आरोपी मिल गया। वो उसे बहला फुसलाकर अपने साथ नदी किनारे ले गया। इसके बाद बांस के डंडे से राजा के सिर पर वार कर उसे घायल कर दिया। आरोपी ने राजा को लकड़ी की छोटी नाव (डोंगरी) में डाला और बीच नदी में बहा दिया। इसके बाद वापस घर लौटकर आया और रात को सो गया।
दूसरे दिन जब राजा को पूरे गांव में तलाश किया जा रहा था तब आरोपी भी उसे तलाश करने का नाटक करता रहा। उसने खुद के अपहरण की कहानी भी रची। हालांकि, उसकी मोबाइल लोकेशन और हाव-भाव देख पुलिस को आरोपी पर पहले ही शक हो गया था लेकिन राजा के मिलने तक पुलिस उस पर निगरानी रख रही थी।
ASP शिवेश सिंह बघेल ने कहा कि ब्लैकमेलिंग, अपहरण और हत्या की ये कहानी अपने आप में हैरान करने वाली है। क्योंकि किसी शातिर अपराधी की तरह आरोपी ने पूरी वारदात को अंजाम दिया और 8 दिनों तक पुलिस किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई। बहरहाल आरोपी पुलिस गिरफ्त में है और उसके बाल न्यायालय में पेश किया जा रहा है।