भोपाल। CBI- सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की टीम ने आज भोपाल में बैंक ऑफ बड़ौदा, ज्योति पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के डायरेक्टर कमलेश और संजय नेमानी एवं सिद्धपाल सिंह भदौरिया के भोपाल एवं निवाड़ी जिले में स्थित घरों पर छापा मार कार्रवाई की है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने ज्योति पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के खिलाफ 196 करोड़ का लोन नहीं चुकाने की शिकायत की थी जबकि इंडियन ओवरसीज बैंक ने सिद्ध पाल सिंह भदौरियां के खिलाफ शिकायत की है कि उन्होंने प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चार करोड रुपए का लोन ले लिया।
सीबीआई के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भोपाल के बैंक ऑफ बड़ौदा से ज्योति पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड के संचालक कमलेश और संजय नेमानी ने 196 करोड़ रुपए का लोन लिया था। इन दस्तावेजों की जांच के बाद CBI ने अहमदाबाद में 4 और राजकोट में 1 ठिकाने पर छापेमारी की है। जबकि इंडियन ओवरसीज बैंक से सिद्धपाल सिंह भदौरिया की कंपनी ने प्रॉपर्टी के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 4 करोड़ का लोन लिया था। पैसे नहीं जमा करने पर इंडियन ओवरसीज बैंक ने इसकी शिकायत सीबीआई से की थी। जिसको लेकर गुरुवार को सिद्धपाल सिंह भदौरियां के भोपाल और निवाड़ी में आवास पर छापेमारी की गई।
CBI की तरफ से इन शहरों में की गई छापेमारी
मामले में आईओबी, यूबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पीएनबी, एसबीआई, आईडीबीआई, केनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया आदि बैंक शामिल हैं। मामले को लेकर सीबीआई की तरफ से जिन शहरों में छापेमारी की गई है, वे कानपुर, गाजियाबाद, मथुरा, नोएडा, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरू, त्रिपुर, हैदराबाद, जयपुर, श्रीगंगानगर, भोपाल, निवाड़ी, करनाल, अहमदाबाद, सूरत, राजकोट शामिल हैं।
LOAN को NPA में बदलने के आरोप में हुई छापेमारी
जानकारी के मुताबिक सीबीआई की तरफ से यह कार्रवाई लोन को एनपीए में बदलने के आरोप में की गई है। बैकों की तरफ से शिकायत में कहा गया है कि लोन के बाद डिफॉल्टर्स के खाते को चालू कर दिया गया है, जिसके चलते लोन नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) बन गए हैं। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को काफी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सीबीआई द्वारा बैंकों के नुकसान की भरपाई करवाने की कोशिश की जा रही है। इस संबंध में सीबीआई को डिजिटल दस्तावेज भी मिले हैं।