भोपाल। मान. उच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार कोविड-19 संक्रमण की तीव्रता को देखते हुये न्यायालय परिसरों में भीड़ की रोकथाम के लिये जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेंद्र कुमार वर्मा ने जिला न्यायालय, भोपाल एवं सिविल न्यायालय, बैरसिया में 22 मार्च से आगामी आदेश तक सभी न्यायालयों में प्रकरणों की सुनवाई का समय निर्धारित किया है। साथ ही न्यायालय दिवसों पर कौन से प्रकरण रखे जाए इसके सम्बन्ध में दिशा - निर्देशों भी जारी कर दिए है।
कोर्ट का टाइम टेबल फिक्स, एक दिन में 10 से ज्यादा प्रकरण नहीं
न्यायालयों का समय जिला एवं सत्र न्यायाधीश , सभी विशेष न्यायाधीश, सभी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालयों में 11:00 बजे से 02 बजे तक तथा व्यवहार न्यायाधीश वर्ग- I एवं वर्ग- II के सभी न्यायालयों / C.J.M. एवं J.M.F.C. न्यायालयों में 02 बजे से 05 बजे तक कार्य होगा। जिला न्यायालय, भोपाल एवं सिविल न्यायालय , बैरसिया स्थित सभी न्यायालयों में विशेष न्यायालय M.P./M.L.A . को छोड़कर प्रत्येक कार्य दिवस में अधिकतम 10 प्रकरण भौतिक सुनवाई के लिये जायेगे।
बिना आईडी प्रूफ के कोई भी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता
न्यायालय परिसर और कक्ष में कोई भी कर्मचारी, अधिवक्ता या पक्षकार बिना मास्क के प्रवेश न करे और बिना मास्क के किसी को भी न्यायालय कक्ष में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सभी कर्मचारीगण अनिवार्य रूप से मास्क लगाकर रखेंगे और कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के कक्ष में प्रवेश न करें। कोई भी न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, पक्षकार, कर्मचारी एवं न्यायालय में प्रवेश करने वाले संबंधित व्यक्ति न्यायालय भवन में बिना थर्मल स्क्रीनिंग कराये एवं हाथों को धोये बिना या सेनेटाइज किये बिना प्रवेश नहीं करेंगे। न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले प्राईवेट व्यक्ति को अपना आईडी प्रूफ दिखाना अनिवार्य होगा।
कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा
बुखार,फ्लू या ऐसे लक्षण वाला कोई भी व्यक्ति न्यायालय परिसर में प्रवेश नहीं करेगा। यदि किसी न्यायिक कर्मचारी को बुखार,फ्लू के लक्षण हों, तो वह तुरंत संबंधित पीठासीन अधिकारी, प्रभारी अधिकारी को सूचित करेगा और संबंधित पीठासीन अधिकारी कार्यालय को सूचित करेंगे। यदि किसी व्यक्ति का शारीरिक तापमान निर्धारित से अधिक पाया जाता है, तो उसे न्यायालय भवन में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।
65 साल से ज्यादा वाले व्यक्तियों के लिए विशेष निर्देश
कोई भी पक्षकार, न्यायालय भवन में प्रवेश करने वाला व्यक्ति प्रवेश द्वार पर पंजी में आवश्यक प्रविष्टियाँ कराने के पश्चात् ही न्यायालय भवन में प्रवेश करेगा। न्यायालय भवन में केवल प्रकरण से संबंधित पक्षकार को ही प्रवेश करने की अनुमति होगी और असंबंधित व्यक्तियों को प्रवेश नहीं दिया जायेगा। 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को सीमित आवागमन ही करना है। 65 वर्ष या उससे अधिक के अधिवक्ताओं,वरिष्ठ अधिवक्ताओं से कहा गया है कि वे इस संबंध में सावधानी बरतें और न्यायालयों में भौतिक उपस्थिति से बचें और ऐसे सभी अधिवक्ताओं के लिये वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधा का उपयोग करने के लिए भी कहा गया है।
किसी वकील ने कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन किया तो क्या होगा
दिये गए दिशा - निर्देशों का यदि किसी अधिवक्ता द्वारा उल्लंघन किया जाता है तो उच्च न्यायालय को सूचना देते हुये इसकी सूचना मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद एवं संबंधित अधिवक्ता संघ को दी जायेगी और इस संबंध में उपयुक्त एवं उचित कार्यवाही की जा सकेगी। यदि किसी पक्षकार द्वारा उल्लंघन किया जाता है, तो उसके विरूद्ध भी आवश्यक व उचित कार्यवाही की जायेगी। कोई भी व्यक्ति यदि शराब, पान, गुटखा या तम्बाकू का सेवन किये हुये पाया जाता है , तो उसके विरूद्ध विधि अनुसार अभियोजन, दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, कर्मचारी एवं पक्षकार जिन्हें क्वारेंटीन, आईसोलेट किया गया है, उनका न्यायालय परिसर में क्वारेंटीन, आईसोलेशन अवधि तक प्रवेश पूर्णतया वर्जित है। न्यायालय कक्ष में प्रवेश करने एवं जारी निर्देशों के उल्लंघन में शासकीय आदेशों, नियमों का पालन न करने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। न्यायालय परिसर में कोई उत्सव या आयोजन भी प्रतिबंधित रहेगा।