भोपाल। भोपाल की आम जनता की जागरूकता के कारण रविवार का लॉकडाउन पूरी तरह से सफल रहा। पुलिस को किसी भी प्रकार की सख्त कार्यवाही करने की जरूरत नहीं पड़ी। ज्यादातर इलाकों में पुलिस ने निकलने वाले लोगों को नहीं रोका क्योंकि उनकी संख्या बहुत कम थी। पब्लिक स्वेच्छा से अपने घरों में रही। केवल इमरजेंसी की स्थिति में ही बाहर निकले।
भोपाल शहर में शनिवार रात 10 बजे से शुरू हो गया था। रविवार सुबह से अस्पताल और मेडिकल दुकानें छोड़कर सभी दुकानें बंद रहीं। लॉकडाउन के दौरान धारा 188 लागू की गई है। यानी बिना कारण घर से निकलने पर गिरफ्तारी के आदेश थे। आधे से ज्यादा दूध वाले शनिवार को ही रविवार का दूध दे गए थे। कुछ लोग दूध लेने के लिए सुबह 9:00 बजे के आसपास घरों से निकले। इधर पुलिस के बैरिकेड लगाए जा चुके थे।
सुबह 11:00 बजे के आसपास जब सड़क पर निकलने वालों की संख्या थोड़ी बढ़ने लगी तो पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी लेकिन दोपहर बाद फिर सड़कों पर निकलने वालों की संख्या बहुत कम हो गई। प्रशासन ने पर्याप्त इंतजाम की घोषणा की थी परंतु रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और एयरपोर्ट आने जाने के लिए ऑटो एवं टैक्सी वालों ने डबल से ज्यादा किराया वसूल किया।
भोपाल में दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी
भोपाल में पिछले 24 घंटे में संक्रमितों का आंकड़ा 400 के पार हो गया है। ऐसे में प्रशासन ने लॉकडाउन के दौरान ज्यादा सख्ती बरतने की बात कही थी। यदि दुकानदार ने नियमों को उल्लघंन किया, तो 5 हजार रुपए फाइन देना होगा। इसके बाद भी नहीं माने तो दूसरी और तीसरी बार में 2 गुना यानी 10 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। अगर फिर भी दुकानदार नहीं माने तो दुकानों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।