भोपाल। यह तो बताने की जरूरत ही नहीं कि मध्य प्रदेश की सरकार ने पिछले 15 सालों में 2 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्जा ले लिया है। इसका मूल और ब्याज जनता पर टैक्स लगाकर वसूला जा रहा है। ताजा खबर यह है कि हालात इतने खराब हो गए हैं कि खर्चा चलाने के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सरकारी जमीनों की नीलामी की जा रही है।
नगर निगम को विकास का पैसा देने के लिए सभी विभागों की जमीन बेच रहे हैं
विकास और अतिक्रमण के बहाने से सरकारी जमीनों को नीलाम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने भोपाल के डेवलपमेंट प्लान को लेकर प्रेजेंटेशन में यह बात सामने आई थी कि अगले 5 साल के डेवलपमेंट के लिए 1600 करोड़ रुपए चाहिए। सड़कों के रिनोवेशन और मेंटेनेंस के लिए ही 88 करोड़ रुपए की जरूरत बताई गई थी। इसी प्रेजेंटेशन में बताया गया था कि प्राॅपर्टी बेचकर डेवलपमेंट के लिए राशि जुटाई जा सकती है।
सरकारी जमीनों की नीलामी पर भोपाल जिला प्रशासन का तर्क
जिला प्रशासन का तर्क है कि नजूल की कई प्रॉपर्टी ऐसी हैं, जिन पर लोग कब्जा कर झुग्गी बनाने लगते हैं। और इन प्रॉपर्टी का साइज भी ऐसा नहीं है जिसे किसी दूसरे डिपार्टमेंट को दफ्तर खोलने के लिए आवंटित किया जाए। इन प्रॉपर्टी को बेचने से जो रेवेन्यू आएगा उससे पब्लिक यूटीलिटी के काम कराए जाएंगे। मजेदार बात तो यह है कि नीलम होने वाली लिस्ट में मंत्रालय के कर्मचारियों को मकान बनाने के लिए आरक्षित की गई जमीन भी नीलाम की जा रही है।
नीलामी की प्रक्रिया शुरू
प्रॉपर्टी की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कोई भी व्यक्ति जो इसे खरीदना चाहता है। सरकार के पोर्टल पर इसे देखकर नीलामी में भाग ले सकता है। ये प्रॉपर्टी वो हैं, जिनका उपयोग लंबे समय से नहीं हो रहा था।
अविनाश लवानिया, कलेक्टर