भोपाल। राजधानी इंडियन रेलवे टीम के वॉलीबॉल कोच व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी राजेश तिवारी (49) की भुवनेश्वर में सोमवार को संदिग्ध हालत में मौत हो गई। तिवारी वॉलीबॉल टीम लेकर भुवनेश्वर गए थे। सोमवार दोपहर उनका शव होटल में फंदे पर लटका मिला। पोस्टमार्टम के बाद उनके साथी शव लेकर सोमवार देर रात रवाना हो गए। मंगलवार रात तक शव भोपाल पहुंचने की बात कही जा रही है।
जानकारी के अनुसार राजेश तिवारी इंडियन रेलवे वालीबॉली टीम के कोच थे। वह भोपाल डीआरएम ऑफिस के ट्रेन रनिंग डिपार्टमेंट (टीआरडी) में कार्यालय अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे। वह परिवार के साथ अवधपुरी आधारशिला में रहते थे। परिवार में मां, पत्नी और एक बेटी है। तिवारी के पिता हीरालाल तिवारी भेल में कार्यरत थे। उनकी 10 माह पहले ही मौत हुई है।
रेलवे के अधिकारी ने बताया, भुवनेश्वर में 5 मार्च से वालीबॉल का सीनियर नेशनल कैंप शुरू हुआ था। राजेश तिवारी एक अन्य कैंप में बैंगलुरु में थे। वहां से कैंप शुरू होने के दो से तीन दिन पहले ही टीम के साथ भुवनेश्वर पहुंचे थे। वह रेलवे की तरफ से उपलब्ध एक होटल में ठहरे थे। सोमवार दोपहर टीम के अन्य सदस्य खाना खाने गए थे। दोपहर 3 बजे के बाद वापस लौटे। उन्होंने तिवारी का दरवाजा खटखटाया, लेकिन जवाब नहीं मिला। दरवाजा खोलने पर उनका शव फंदे पर लटका था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव उनके साथियों को सौंप दिया गया। इसे लेकर देर रात ही उनके साथी भोपाल के लिए रवाना हो गए।
जानकारी के अनुसार राजेश तिवारी वर्ल्ड रेलवे की तरफ से तीन बार खेलने के लिए जापान और जकार्ता जा चुके हैं। वह तीन बार इंडियन रेलवे के कप्तान भी रह चुके हैं। वर्तमान में इंडियन रेलवे वालीबॉल टीम के कोच थे। तिवारी जून 1991 में रेलवे में भर्ती हुए थे। राजेश तिवारी के रिश्ते के भाई रामजी तिवारी ने बताया कि अभी उनको घटना के संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि वह मददगार और नेक इंसान थे। वह खेल के प्रति समर्पित थे। वह मजबूत इंसान थे। उसने ऐसा कदम क्यों उठाया, समझ में नहीं आ रहा।