छतरपुर। शिक्षा विभाग में नियमानुसार काम कराने पर भी रिश्वत वसूली जाती है। लोकायुक्त पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने बीआरसीसी लखनलाल सिसोदिया को लिटिल वर्ल्ड इंग्लिश स्कूल के संचालक कमलापत मिश्रा से ₹10000 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोप है कि RTE के तहत स्कूल में गरीब बच्चों का एडमिशन तो करा दिया गया लेकिन इसके एवज में मिलने वाले शासकीय भुगतान को बीआरसीसी ने बिना किसी कारण के रोक दिया था। सबसे पहले नोडल अधिकारी ने स्कूल संचालक से रिश्वत मांगी। न्याय के लिए स्कूल संचालक ने वीआरसीसी से शिकायत की तो BRCC भी रिश्वत मांगने लगा।
स्कूल निरीक्षण करने आए और ₹4000 रिश्वत ले गए
शिकायत के बाद से नोडल अधिकारी पिछले एक महीने से हमें बार-बार फोन करते रहे। एक दिन अचानक यह हमारे स्कूल में बीआरसीसी को लेकर पहुंच गए और बोले कि हम तुम्हारी मान्यता निरस्त कर देंगे। साथ ही प्रपोजल अनुमोदित करने के नाम पर 60 हजार रुपए की मांग की गई। इस पर उसने 4 हजार रुपए अधिकारियों को स्कूल निरीक्षण के दौरान दिए।
नोडल अधिकारी की शिकायत की तो BRCC रिश्वत मांगने लगा
इसके बाद लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की। इस मामले में कार्रवाई में टीआई मंजू सिंह का कहना है कि स्कूल संचालक कमला प्रसाद मिश्रा ने आवेदन दिया था कि, इनके स्कूल में RTE के तहत जो बच्चे अध्यनरत रहे है उनके 2018 और 2019 के प्रपोजल को सत्यापित करने के लिए नोडल अधिकारी केडी भार्गव द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी। जिसकी शिकायत फरियादी के द्वारा बीआरसीसी से की गई। तो बीआरसीसी के द्वारा प्रपोजल सत्यापित करने के नाम पर 60 हजार रुपए रिश्वत की मांग की।
रिकॉडिग में बीआरसीसी बोले- 60 हजार रुपए लगेंगे
फरियादी के द्वारा 4 हजार रुपए की रिश्वत पहले दी जा चुकी थी। सोमवार की दोपहर 10 हजार रुपए लेते हुए BRCC को पकड़ा गया है। फरियादी द्वारा दी गई रिकॉडिग में बीआरसीसी लखन लाल सिसौदिया के द्वारा कहा जा रहा है कि जब आप 60 हजार की रिश्वत मुझे उपलब्ध करा देंगे तब आपका प्रपोजल लेटर आगे बढ़ाया जाएगा।
बीआरसीसी लखन लाल सिसौदिया रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार
सोमवार को दोनों अधिकारियों ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेने के लिए कमलापत मिश्रा को कार्यालय में बुलाया था। जैसे ही कमलापत रिश्वत लेकर कार्यालय पहुंचे उन्होंने बीआरसीसी लखन लाल सिसौदिया को पैसा दिया तभी सागर लोकायुक्त की इंस्पेक्टर मंजू सिंह के नेतृत्व में पहुंची टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके हाथ धुलवाए गए तो वह नोटों के साथ लगाए गए कैमिकल के कारण लाल हो गए।