जबलपुर। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने माननीय मुख्यमंत्री जी के नाम कलेक्टर महोदय जबलपुर को ज्ञापन देकर बताया कि मध्य प्रदेश के समस्त जिलों में लगभग लगभग 55 विभाग में लाखों कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें केंद्र एवं प्रदेश की हजारों योजनाएं क्रियान्वित हैं और उन सभी योजनाओं का लाभ जनता को प्राप्त हो रहा है।
कुछ योजनाओं के तहत हितग्राही से आवेदन लेकर प्रकरण तैयार कर विभाग द्वारा जमा कर कर लिया जाता है और हितग्राही के खाते में सीधे राशि डाल दी जाती है, वहीं वित्तीय आवंटन ना होने पर अधिकारी/ कर्मचारी परेशान होते रहते हैं। हितग्राही को राशि ना प्राप्त होने पर वह सीधे सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करा देता है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सीएम हेल्पलाइन समाप्त करने के लिए कनिष्ठों के ऊपर बार-बार दबाव बनाया जाता है। जिससे कर्मचारी हितग्राही से जिला स्तर पर होने वाले समस्त आवंटन की जानकारी तो दे सकता है परंतु प्रदेश स्तर से वित्तीय आबंटन ना होने पर अधिकारी/ कर्मचारी बेबस और मजबूर हो जाते हैं।
ऐसी सीएम हेल्पलाइन का खात्मा प्रदेश स्तर से ही हो जाना चाहिए ऐसा ना होने पर कर्मचारी मानसिक दबाव में रहता है एवं कार्यालय का कार्य भी प्रभावित हो रहा है कर्मचारी अधिकारी जो समस्या राज्य स्तर से संबंधित है उनकी सीएम हेल्पलाइन लगाकर जिले तहसील ब्लाक स्तर पर प्रताड़ना दी जाती है।
संघ के अरवेंद्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, बृजेश मिश्रा, वीरेंद्र चंदेल, एस.पी. बाथरे, परशुराम तिवारी, दिलराज झारिया, कमलेश कोरी, तुषेन्द्र सेंगर, नीरज कौरव, जवाहर लोधी, श्याम नारायण तिवारी, धीरेंद्र सोनी, मोहम्मद तारिक, संतोष तिवारी, महेश कोरी आदि ने माननीय मुख्यमंत्री से मांग की है की सी.एम. हेल्पलाइन जनहित के कार्यों में उपयोग की जाए विभागीय कार्यों से इसे अलग किया जाए प्रदेश के लाखों कर्मचारी फर्जी सीएम हेल्पलाइन से त्रस्त हैं सीएम हेल्पलाइन मददगार ना होकर प्रताड़ना बन गई है। हेल्पलाइन में फर्जी शिकायत करने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाने की मांग की है।