भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण के लिए हॉटस्पॉट बने कोलार में केवल 3 दिनों में 246 नए मरीज मिले हैं। दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा मरीज गोविंदपुरा इलाके में मिल रहे हैं। यहां पिछले तीन दिन के भीतर 131 मरीज मिल चुके हैं।
भोपाल में सोमवार को 196 मरीज मिले हैं। प्रदेश में अब सक्रिय मरीजों की संख्या 5024 हो गई है। चिंता की दूसरी बात यह है कि प्रदेश में संक्रमण दर यानी जांचें गए सैंपल में पॉजिटिव का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। रविवार को 14,605 सैंपलों की जांच में 797 मरीज मिले हैं। टीटी नगर और बैरागढ़ क्षेत्र में भी ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि ये इलाके घनी आबादी वाले हैं। बाजार भी इन क्षेत्रों में ज्यादा हैं। मरीज बढ़ने के बाद भी जांच की सुविधाएं नहीं बढ़ाई जा रही हैं।
जेपी अस्पताल के फीवर क्लीनिक में सोमवार अपरान्ह तीन बजे से ही पर्चा बनाना बंद कर दिया गया, जबकि जांच का समय सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक है। इससे जांच कराने के लिए लंबी कतार लगी रही, जिसमें 20 से 30 संदिग्ध खड़े रहे।
जांच कराने वालों में कई ऐसे थे जिन्हें कहीं जाने के लिए, स्कूल में दाखिले के लिए, अस्पताल में भर्ती होने के लिए या फिर खेल में भाग लेने के लिए कोरोना की निगेटिव जांच रिपोर्ट की जरूरत थी। हालांकि संदिग्धों को यहां से जेपी अस्पताल की इमरजेंसी भेज दिया गया। यहां भी जांच नहीं होने पर मरीजों ने नाराजगी जाहिर की। कुछ मरीज तो सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव के कक्ष के बाहर खड़े रहे।
जितने फीवर क्लीनिक पहले थे, उतने अभी भी हैं। जेपी अस्पताल में चार बजे तक जांच होती है। इसके बाद आने वालों के लिए इमरजेंसी के पास जांच की सुविधा रात आठ बजे तक है। -डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ, भोपाल
संक्रमण दर लगातार बढ़ने का मतलब है कि बीमारी का फैलाव तेजी से हो रहा है। ज्यादा सैंपलों की जांच हो तो और मरीज मिलेंगे। सर्दी-जुकाम, बुखार, दस्त आदि लक्षण हो तो फौरन आइसोलेट हो जाएं। खुद की और संपर्क में आए अन्य लोगों की जांच कराएं। -डॉ. लोकेंद्र दवे, एचओडी, छाती व श्वास रोग विभाग, गांधी मेडिकल कॉलेज