इंदौर। भारत में फिर से बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने ऑफलाइन परीक्षा आयोजित कराने वाले स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी की है। स्कूल संचालक एवं मैनेजमेंट की जिम्मेदारी है कि वह गाइडलाइन का पालन करें। नियमों का उल्लंघन होने पर उन्हें व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी एवं प्रशासन की टीम लगातार निरीक्षण करके यह सुनिश्चित करेगी कि स्कूल में गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है।
गाइड लाइन के अनुसार सभी अशासकीय सीबीएसई विद्यालय, अशासकीय एमपी बोर्ड विद्यालय और शासकीय हाई स्कूल/उमावि के प्राचार्यों/प्रबंधकों को मार्च महीने में संचालित होने वाली ऑफलाइन परीक्षा को लेकर इसका पालन करना होगा। हालांकि 9वीं एवं 11वीं के विद्यार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प भी दिया जाएगा।
COVID-19 GUIDELINE FOR ALL BOARD SCHOOL EXAM
स्कूल के मेन डोर पर चेंकिग पांइट बनाया जाएगा, जहां से स्कूल के भीतर जाने के पहले छात्र और टीचर दोनों का ही टेम्प्रेचर मापा जाएगा। यदि तापमान ज्यादा निकला तो भीतर एंट्री नहीं मिलेगी। यहीं पर सैनिटाइज भी किया जाएगा।
बिना मास्क के किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। किसी के पास मास्क नहीं होने पर स्कूल उसे निःशुल्क मास्क उपलब्ध कराएगी।
स्टाफ और छात्र सहित सभी को निश्चित दूरी 6 फीट बनाकर रखनी होगी। परीक्षा हॉल में भी 6 फीट की दूरी रहेगी। शौचालय की सफाई के साथ ही हैंडवॉश रखना अनिवार्य है।
पेयजल व्यवस्था में भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। किसी स्टॉफ/विद्यार्थी की अचानक तबीयत खराब होने पर उसके लिए आकस्मिक उपचार की व्यवस्था भी रखना होगा।
स्कूल में जिन रास्तों से स्टूडेंट्स एवं शिक्षक और स्टाफ आदि आता जाता है उन रास्तों का नियमित रूप से सैनिटाइजेशन होना जरूरी है। कोराेना प्रोटोकॉल का पालन करवाना प्राचार्य का काम होगा। यदि जांच टीम को किसी भी प्रकार से इसका उल्लंघन मिला तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।