भोपाल। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने 24 मार्च की स्थिति का हवाला देकर कहा है, प्रदेश में एक्टिव केस 10 हजार हो गए हैं, एक्टिव केस बढ़ने के कारण अस्तपालों में ऑक्सीजन और वेंटीलेटर युक्त बेड का उपयोग करने को कहा गया है। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है।
निर्देश में कहा गया है, इलाज के दौरान जिन मरीजों की हालात स्थिर रहती है, उन्हें लंबे समय तक बड़े अस्पतालों (सेकंड व थर्ड लेवल कोविड अस्पताल) में भर्ती रखे जाने से एक ओर सीमित संसाधनों का अनावश्यक उपयोग होता है, वहीं दूसरी ओर गंभीर लक्षण वाले जरूरतमंद मरीजों को बेड उपलब्ध कराने में कठिनाई होती है। ऐसे में बड़े जिलों में जहां मेडिकल कॉलज हैं, वहां बेड उपलब्धता की स्थिति को देखते हुए होम आइसोलेशन वाले मरीजों की मॉनिटरिंग के लिए अनुभव के आधार पर निर्णय लिया जाए।
होम आइसोलेशन और अप रेफडल मापदंड
नए निर्देश के मुताबिक जिन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, उनमें लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। भले ही उनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है, उन्हें होम आइसोलेशन में ही रखा जाएगा, लेकिन कोविड सेंटर उनकी सतत निगरानी करेगा। इस दौरान घर में ही दवा से लेकर जरूरी उपकरण और दवा उपलब्ध हों, यह सुनिश्चित भी किया जाए। यदि होम आइसोलेशन के दौरान मरीज में लक्षण दिखाई देने लगें, जैसे बुखार, सर्दी, खांसी और जुकाम या सांस लेने में दिक्कत आए, तो उसे कोविड सेंटर में भर्ती किया जाएगा।
10 दिन में होम आइसोलेशन समाप्त होगा
पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद यदि मरीज घर में ही है। यदि 10 दिन तक लक्षण दिखाई नहीं देते या 3 दिन तक बुखार नहीं आने पर होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त की जाएगी, लेकिन उसे अगले एक सप्ताह तक घर में ही रहना होगा।