भोपाल। कहते थे कि राजनीति में जो ना हो वही कम है, इसे बदल कर कहां जाना चाहिए कि भारतीय जनता पार्टी जो ना कर दे वही कम है। दमोह विधानसभा सीट पर राहुल लोधी ने 2018 में भाजपा के दिग्गज नेता जयंत मलैया को चुनाव हराया है और 2021 में हारे हुए जयंत मलैया को भाजपा ने राहुल लोधी का स्टार प्रचारक बना दिया।
जयंत मलैया के पतन का कारण रामकृष्ण कुसमरिया या अहंकार
दमोह में उप चुनाव हो रहे हैं। भाजपा प्रत्याशी का नाम राहुल लोधी और कांग्रेस प्रत्याशी का नाम अजय टंडन है परंतु सबसे ज्यादा चर्चा जयंत मलैया एवं उनके परिवार की हो रही है। कम से कम जयंत मलैया के समर्थकों ने तो कभी नहीं सोचा था कि दमोह विधानसभा सीट पर मलैया परिवार के अलावा भी कोई भाजपा का प्रत्याशी हो सकता है। लगातार 6 विधानसभा चुनाव जीतने वाले जयंत मलैया 2018 का विधानसभा चुनाव 758 वोटों से हार गए थे। कहते हैं कि भाजपा से बगावत करने के बाद रामकृष्ण कुसमरिया सीट से चुनाव लड़ गए थे, इसलिए जयंत मलैया हार गए परंतु बड़ा प्रश्न है कि 2018 का चुनाव हारने के बाद विधानसभा उपचुनाव में टिकट की रेस कैसे हार गए।
सिद्धार्थ मलैया का क्या होगा
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी बदल रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता अपने पुत्रों को अपनी गद्दी सौंप रहे हैं। कैलाश विजयवर्गीय अपनी सीट छोड़कर आकाश विजयवर्गीय को विधायक बना चुके हैं। शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभात झा, नरोत्तम मिश्रा, पंडित गोपाल भार्गव सहित लगभग हर 60 प्लस नेता के साथ उसका बेटा खड़ा हुआ दिखाई दे रहा है। इस लिस्ट में एक नाम जयंत मलैया का भी था। माना जा रहा था कि 2023 का विधानसभा चुनाव सिद्धार्थ मलैया लड़ेंगे परंतु अब यह सीट राहुल लोधी की सीट हो गई है। अतः सिद्धार्थ मलैया का उत्तराधिकार समाप्त हो गया।