दमोह। मध्य प्रदेश की दमोह विधानसभा के लिए उप चुनाव की घोषणा हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी राहुल लोधी को अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है और कांग्रेस पार्टी को उम्मीदवार नहीं मिल रहा है। इधर भाजपा नेता जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया बगावत के मूड में है। ताजा बयान में उन्होंने दमोह पुलिस, शिवराज सिंह चौहान सरकार और अपने पिता जयंत बलिया के प्रति नाराजगी प्रकट की है। मामला पथरिया विधायक रामबाई के फरार इनामी पति की गिरफ्तारी हेतु चल रही पुलिस गतिविधियों से संबंधित है।
सिद्धार्थ मलैया ने सरकार पर सवाल उठाया
सिद्धार्थ मलैया ने पथरिया विधायक के पति गोविंद सिंह को शासन की ओेर से दी गई सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा देने से आदमी बड़ा होता है। विधायक के परिवार को लेकर उन्होंने कहा कि वे इस मामले को लेकर आज न्याय की आवाज उठा रहे हैं और व्यवस्था पर भी सवाल उठा रहे हैं। क्योंकि अभी ऐसा नहीं किया गया ताे, आने वाले समय में यह अपराध और बढ़ेगा और क्या पता आज नहीं तो कल या पांच साल बाद उनकी भी हत्या हो जाए।
सिद्धार्थ मलैया दमोह प्रशासन एवं पुलिस से नाराज
सिद्धार्थ मलैया ने सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई काे सही बताया, लेकिन पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि हर काम के लिए सिस्टम है और एक कायदा है। रामबाई के यहां पर अतिक्रमण हटाने से पहले नाेटिस देना चाहिए था, उसके बाद बाउंड्रीवॉल तोड़नी चाहिए थी। उन्होंने हटा में गोविंद सिंह परिहार के भाई महेंद्र सिंह और भतीजों पर संरक्षण देने के नाम पर दर्ज की गई FIR पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पहले जांच होना चाहिए थी, उसके बाद मामला दर्ज होना चाहिए था, क्योंकि गोविंद सिंह से महेंद्र सिंह के परिवार का कोई संपर्क नहीं था। पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में लेने का कोई सवाल नहीं उठता है।
सिद्धार्थ मलैया अपने पिता से भी संतुष्ट नहीं
रामबाई को लेकर उन्होंने कहा कि वे उनके पक्ष और विपक्ष में नहीं हैं, हम संगठित अपराध के खिलाफ हैं। 15 साल से पिता जी मलैया मंत्री थे, फिर भी अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। इस सवाल पर मलैया ने कहा कि इस बात पर भी प्रश्न चिन्ह है। उन्होंने कुछ किया, कुछ नहीं कर पाए।
सिद्धार्थ मलैया ने कहा: सुप्रीम कोर्ट के पहले ही कार्रवाई करनी चाहिए थी
उन्हाेंने पुलिस प्रशासन को आरोपित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट कोई बात रखेगा और कहेगा, तभी आप एक्शन लेंगे, चुनी हुई सरकारों का दायित्व है, उस काम को आगे बढ़ाने का। सुप्रीम कोर्ट यह देश चलाएगा। उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार मेरी सरकार है, मैं आरोपित नहीं कर रहा हूं, प्रश्न खड़ा कर रहा हूं। क्योंकि ऐसा नहीं होता है, सुप्रीम कोर्ट कहे, तब कार्रवाई हो, स्वत: सिस्टम के तरीके से काम हो।
उपचुनाव को लेकर कोई फैसला नहीं कर पा रहे हैं सिद्धार्थ मलैया
सिद्धार्थ मलैया पिछले कुछ दिनों में अपनी छवि अपने पिता से अलग बनाने की कोशिश की है। वह न केवल अपना जनाधार बना रहे हैं बल्कि समय-समय पर उसकी नापतोल भी कर रहे हैं। व्यक्तिगत स्तर पर लगातार होमवर्क कर रहे हैं परंतु लगता है अभी तक वह अपनी स्थिति को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं है। या फिर यह सारा कुछ शिवराज सिंह चौहान सरकार को दबाव में लेने के लिए किया जा रहा है। जो भी हो, फिलहाल एक बात क्लियर है कि सिद्धार्थ मलैया उपचुनाव को लेकर कोई फैसला नहीं कर पा रहे हैं।