भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार बड़ी ही चतुराई के साथ अध्यापकों की एक क्रमोन्नति हजम कर गई। जयश्री कियावत आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश का पालन होता है तो जिन 70000 कर्मचारियों को 1 जुलाई 2018 को पहली क्रमोन्नति मिलेगी वह दूसरी क्रमोन्नति से पहले रिटायर हो जाएंगे। अध्यापक से शिक्षक बने शेष कर्मचारियों को 2030 में पहली क्रमोन्नति मिलेगी और दूसरी से पहले वह भी रिटायर हो जाएंगे। कुल मिलाकर अध्यापक से शिक्षक बने कर्मचारियों की भर्ती कभी भी हुई हो, उन्हें अपने सेवाकाल में सिर्फ एक ही क्रमोन्नति का लाभ मिलेगा।
नए शिक्षक कैडर की वरिष्ठता शून्य की जा चुकी है
शिक्षकों की वरिष्ठता के मामले में सरकार तीन आदेश जारी कर चुकी है। इनमें पहला नियुक्ति दिनांक से क्रमोन्नति दिए जाने के लिए, दूसरा अप्रैल 2007 से जनवरी 2016 में छठवे वेतनमान की गणना के लिए। अब तीसरी बार 1 जुलाई 2018 को नया शिक्षक कैडर बनाया गया है जिसके अनुसार उच्चतर, माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक बनाकर पिछली सेवाओं को शून्य कर 1 जुलाई 2018 की सेवाओं को मान्य किया गया है।
नए शिक्षक कैडर की क्रमोन्नति के आदेश बाद में जारी किए जाएंगे
लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत द्वारा जारी आदेश के अनुसार नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्त किए गए लोक सेवकों को जिनके द्वारा 12 वर्ष की सेवा 1 जुलाई 2018 अथवा इसके बाद पूर्ण की गई है तो उन लोक सेवकों को क्रमोन्नति दिए जाने संबंधी आदेश शासन के निर्देश के बाद जारी किए जाएंगे। यदि किसी जिले अथवा संभाग में 1 जुलाई 2018 अथवा इसके बाद 12 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के क्रमोन्नति दिए जाने के आदेश जारी किए गए हैं तो उन्हें निरस्त किया जाए।
पहले अध्यापकों को क्रमोन्नति दे दी, अब शिक्षक बनाकर वसूली कर रहे हैं
1997 से 2005 तक सेवा में आए अध्यापकों की नियुक्ति दिनांक से 12 वर्ष पूर्ण होने पर पहली क्रमोन्नति दे दी गई है। यानी यदि शिक्षक संवर्ग 3 में है तो उसे संवर्ग में वरिष्ठ शिक्षक का वेतनमान दे दिया गया है। अब इनकी अगली क्रमोन्नति 2019 से 2021 के बीच मिलना था जो नहीं मिली है। इसकी वजह उनकी पिछली वरिष्ठता शून्य करते हुए आगे की पदोन्नति के लिए तारीख जुलाई 2018 तय की है। यानी अगली क्रमोन्नति 2030 में मिलेगी। तब तक 70 हजार से ज्यादा शिक्षक रिटायर हो जाएंगे।
2006 के बाद सेवा में आए शिक्षकों के मामले में उन्हें पहली क्रमोन्नति 2018 में मिलना था। इस पर रोक ऐसे लग जाएगी की 1 जुलाई 2018 क्रमोन्नति देने की तारीख तय है तो इस तरह के मामले में इन शिक्षकों को 2030 में पहली क्रमोन्नति मिल पाएगी।