जबलपुर। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कर्मचारियों की पदोन्नति पर स्थगन होने के कारण राज्य शासन द्वारा उच्च वेतनमान प्राप्त कर्मचारियों, शिक्षकों एवं अध्यापक सवंर्ग को उनके मिल रहे वेतनमान के अनुरूप पदनाम देने का मसौदा पिछले एक वर्ष से तैयार है लेकिन सरकार इस मामले में आदेश जारी नही कर रही है।
पदोन्नति न होने से जहां एक ओर शासन में पदोन्नति के पद विगत पांच से छहः वर्षों से रिक्त हैं, जिससे शासन का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। निम्न स्तर के पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की यदि उच्च पद पर पदोन्नति/पदनाम परिवर्तन पर कोई ठोस निर्णय लिया जाता है तो इससे कर्मचारी लाभांतिव होंगे ही शासन पर भी कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पडेगा। तथा सीधे भर्ती के लिए भी पद रिक्त प्राप्त हो सकेंगे।
संघ के योगेन्द्र दुबे, संजय यादव, मुकेश सिंह, निर्मला विलथरे, ममता धनौरिया, सीमा सिंह, संध्या अवस्थी, रचना उपाध्याय, वर्षा अग्रवाल, प्रतिभा उपाध्याय, गरिमा चौबे, सुनीता जैन, वन्दना कोरी, चेतना दुबे, रेणु मिश्रा, रूचि मिश्रा, अंजना राय, अर्चना शुक्ला, आदि ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय से मांग की है कि कर्मचारियों को उनको मिल रहे उच्च वेतनमान के अनुरूप पदनाम दिया जावे।