भारत के जंगलों में आश्चर्य और चमत्कार भरे पड़े हैं। क्या आप विश्वास करेंगे कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के जंगलों में एक ऐसा पौधा पाया जाता है, जो जमीन पर घास की तरह बिछा रहता है। यदि इस पर मनुष्य का पैर पड़ जाए तो लगभग 3 घंटे के लिए उसकी याददाश्त (मेमोरी) चली जाती है। इतिहास में इस पौधे का नाम दर्ज है। राजनांदगांव के राजा ने अपने खजाने को चोरों से बचाने के लिए भूलन घास का उपयोग किया था।
खजाने को चोरों से बचाने भूलन घास का बगीचा बनाया था
कहा जाता है कि राजनांदगांव के राजा सर्वेश्वर दास और उनके बेटे दिग्विजय दास के शासनकाल में राज महल (जो इन दिनों दिग्विजय कॉलेज के नाम से जाना जाता है) के बगीचे में भूलन जड़ी या भूलन बूटी का पौधा पाया जाता था। राजा इसका क्या उपयोग करते थे, इसका उल्लेख कहीं नहीं है लेकिन इसकी पहचान और खौफ आज भी बुजुर्गों में देखा जा सकता है। इस पौधे के कारण ही राज महल के बगीचे को भूलन बगीचा के नाम से पुकारा जाता था, लोग बगीचे के आसपास भी नहीं जाते थे।
भूलन जड़ी का पौधा छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के जंगलों में अभी भी मिल जाता है
पं. रविशंकर विश्वविद्यालय के लाईफ साईंस डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके जाधव ने बताया कि भूलन जड़ी का बॉटनिकल नाम टाईलोफोरा रोटोनडीफोलिया है। उन्होंंने बताया कि रायगढ़ के फारेस्ट सर्वे के दौरान उन्होंने इस तरह के पौधे देखे हैं। डॉ जाधव का कहना है कि राजनांदगांव के जंगलों में और मध्य प्रदेश के अमरकंटक के जंगलों में भूल न बूटी का पौधा आज भी मौजूद है।
जंगलों में कई तरह के भूलनघास मिलते हैं: पर्यावरणविद डॉ. ओंकारलाल
पर्यावरणविद् डॉ. ओंकारलाल श्रीवास्तव ने कहा कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के जंगलों में कई तरह के भूलनघास मिलते हैं। सबसे ज्यादा सफेद और काले तने वाली घास देखने को मिलती है। दोनों के पत्ते हरे रंग के होते हैं। पत्ते जमीन पर कुछ इस तरह से बिछ जाते हैं जैसे कोई कालीन हो। डॉक्टर श्रीवास्तव बताते हैं कि इसका उपयोग इनका उपयोग दवाईयां बनाने के लिए किया जाता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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