भोपाल। स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फैसले से नाराज गांधी मेडिकल कॉलेज मेडिसिन विभाग के सभी फैकल्टी डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। उन्होंने सरकार को धमकी दी है कि यदि उनके HOD डॉक्टर कावरे का ट्रांसफर कैंसिल नहीं किया गया तो वह इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर देंगे।
डॉक्टर अरुणा कुमार को गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन पद से हटाया
गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉक्टर अरुणा कुमार को हटा दिया गया है। उनकी जगह डॉक्टर जितेन शुक्ला को नया डीन बनाया गया है। बता दें कि गांधी मेडिकल कॉलेज में कई नियुक्तियों को लेकर डीन डॉ अरुणा कुमार विवादों में रही हैं। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने भी नियुक्तियों को लेकर कई सवाल खड़े किए थे। हांलांकि हड्डी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष और मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर सजीव गौर को हटाने का मामला किसी के समझ नहीं आ रहा है। इसके अलावा हड्डी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संजीव गौर का तबादला शहडोल के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कर दिया गया है।
डॉक्टर केके कावरे का ट्रांसफर रुकवाने गांधी मेडिकल कॉलेज में हड़ताल
मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉक्टर केके कावरे को छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है। दोपहर में तीनों को एकतरफा कार्यमुक्त भी कर दिया। डॉक्टर कावरे के ट्रांसफर से नाराज मेडिसिन विभाग के सभी फैकल्टी ने डीन और संभागायुक्त को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके अलावा जूनियर डॉक्टर ने भी रूटीन के काम बंद कर दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर डॉक्टर कावरे का स्थानांतरण निरस्त नहीं किया जाता तो अत्यावश्यक सेवा में भी बंद कर दी जाएंगी। डॉक्टर केके कावरे को हटाए जाने की भी किसी को उम्मीद नहीं थी। इसकी वजह यह कि डॉक्टर कावरे लंबे समय तक बीमार रहे हैं। हालांकि अस्पताल के कुछ डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के इलाज में डॉ कावरे सरकार का सहयोग नहीं कर रहे थे इस कारण उन्हें बदला गया है।