ग्वालियर। ग्वालियर में जनकगंज थाना क्षेत्र स्थित हारकोटा सीर में रहने वाली 28 वर्षीय प्रियंका पत्नी जीतू उर्फ जितेन्द्र कुशवाह की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। उसका पति जितेंद्र कुशवाह उसे गंभीर अवस्था में अस्पताल लेकर आया था। डॉक्टरों ने ऑक्सीजन देकर प्रियंका को बचाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाए और प्रियंका की मौत हो गई। प्रियंका कुशवाह उसी 9 साल के बालक कृष कुशवाह की मां है जिसका 2 दिन पहले अपहरण हो गया था।
पति ने बताया फांसी पर लटकी हुई थी
पति जीतेंद्र कुशवाहा जो प्रियंका को लेकर अस्पताल आया था, ने पुलिस को बताया कि बुधवार की सुबह वह बेटे कृष कुशवाहा को स्कूल छोड़ने गया था। बच्चे की परीक्षाएं चल रही है। कुछ सामान उठाने के लिए जब दूसरी मंजिल पर पहुंचा तब प्रियंका फांसी के फंदे पर झूल रही थी। उसने दरवाजे की कुंडी तोड़कर प्रियंका को फांसी के फंदे से नीचे उतारा। जितेंद्र कुशवाहा का कहना है कि अस्पताल लाने तक प्रियंका की सांसे चल रही थी।
2 दिन पहले बालक का अपहरण हुआ था, ₹500000 फिरौती मांगी थी
दो दिन पहले सोमवार को जनकगंज थानाक्षेत्र स्थित हारकोटा सीर निवासी जितेन्द्र सिंह कुशवाह उर्फ जीतू का 9 वर्षीय बेटा कृष सोमवार दोपहर 3 बजे कोल्डड्रिंक लेने के लिए निकला था। इसके बाद वह घर ही नहीं लौटा। जब काफी देर हो गई तो परिजन ने उसकी तलाश शुरू की। शाम को 7 बजे जब परिवार वाले जनकगंज थाना शिकायत करने जा रहे थे तभी छात्र के पिता को कॉल आया। कॉल करने वाले ने सीधे कहा कि अपने इकलौते बेटे को जिंदा देखना चाहता है तो 5 लाख रुपए इंतजाम कर ले। जितेन्द्र ने पुलिस का सूचना दी। पुलिस ने कार्रवाई कर 6 घंटे में बच्चे को मुक्त कराने के बाद अपहरणकर्ता मोहन कुशवाह उर्फ मोनू, 60 वर्षीय किशन पाल और दामोदर कुशवाह को हिरासत में लिया है। इसमें किशनपाल को SAF से रिटायर्ड जवान है। अपहरण का मास्टर माइंड दामोदर था।
मास्टरमाइंड ने प्रियंका के कहने पर अपहरण करना बताया था
मंगलवार को तीनों को कोर्ट में पेश किया गया था। मोनू और दामोदर को पुलिस ने रिमांड पर लिया था। दामोदर ने बच्चे की मां के कहने पर अपहरण करने की बात कही थी। कहा जा रहा है कि अपने ही बेटे के अपहरण में नाम उछलने और बदनामी से प्रियंका खुद को बेइज्जत महसूस कर रही थी। मंगलवार रात से उसने खाना भी नहीं खाया था। बुधवार सुबह यह कदम उठा लिया।