ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में हस्तिनापुर में हुए मंदिर के बाबा के ब्लाइंड मर्डर का खुलासा शनिवार शाम पुलिस ने कर दिया। हत्या करने वाला बाबा का पूर्व चेला निकला। घटना वाले दिन उसने खाना बनाने के लिए बाबा के बर्तन उठा लिए थे। इस पर बाबा नाराज हुए और उसे गाली दे दी। बौखलाए चेले ने बाबा के सिर में फावड़ा और कुल्हाड़ी मार दी।
आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर वारदात में प्रयुक्त फावड़ा और कुल्हाड़ी बरामद कर ली हैं। साथ ही, खून से सने कपड़े भी मिल गए हैं। हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के डंगोरा निवासी जसवंत उर्फ जानकीदास गुर्जर (85) पुत्र जत्थाराम गुर्जर गांव के ही सिद्ध बाबा मंदिर पर पुजारी थे। गांव के लोगों की उनमें बहुत आस्था थी। 19 फरवरी को जब गांव के लोग मंदिर पर पहुंचे, तो पास ही बाबा की कुटियां में खटिया पर रजाई से ढंका हुआ उनका शव पड़ा था।
सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। प्रारंभिक पड़ताल में यह साफ था कि हत्या कुल्हाड़ी मार कर की गई है। शरीर पर 5 से 6 घाव होने के कारण यह भी साफ था कि हत्या करने वाला गुस्से में रहा होगा, लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि बाबा से ऐसी किसकी दुश्मनी थी। एसपी ने अलग-अलग टीम बनाकर जांच के लिए लगाईं।
एसपी द्वारा बनाई गईं दोनों टीमों ने पूछताछ शुरू की। एक टीम ने गांव और परिवार में पूछताछ की, तो दूसरी टीम ने मंदिर आने वालों की कुंडली तैयार की। पता लगा कि जिस दिन बाबा की हत्या हुई थी, उस दिन एक युवक मंदिर पर बाबा से मिलने आया था। उसे खाना बनाते देखा गया था। पड़ताल में पता चला कि उस दिन मंदिर पर पिछोर निवासी भूरा पुत्र तिलक सिंह मंदिर पर आया था। उसकी तलाश की, तो वह घर से गायब मिला, अब संदेह यकीन में बदल गया था। शुक्रवार शाम उसे पिछोर से हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ में उसने अपराध कबूल कर लिया।
आरोपी भूरा ने पुलिस को बताया कि वह अक्सर यहां से पैदल निकलता था, तो मंदिर पर आराम करता था। खाना बनाकर खुद खाता और बाबा को भी खिलाता था। 19 फरवरी को उसके मोबाइल की बैटरी खत्म हो गई। उसने मंदिर पर पहुंचकर बाबा की कुटिया में मोबाइल चार्ज पर लगाया। साथ ही, खाना बनाने के लिए बाबा के बर्तन उठा लाया। जब वो खाना बना रहा था, तो बाबा जानकीदास आ गए। उन्होंने अपने बर्तन उपयोग होते देखे, तो भूरा से गाली गलौज शुरू कर दी। यह बात भूरा को बुरी लगी। उसने ऐतराज जताया, तो बाबा भला बुरा कहने लगे। गुस्से में उसने पास ही रखा फावड़ा उठाकर बाबा के सिर में दे मारा। इसके बाद कुल्हाड़ी से बाबा पर हमला कर दिया। बाबा की मौत के बाद शव को रजाई से ढंक कर भाग गया।