ग्वालियर। ग्वालियर चंबल संभाग और बुंदेलखंड में बच्चों को झूठमूट का चंद्रमा देकर संतुष्ट करने की प्राचीन परंपरा है। मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कुछ ऐसा ही किया। बस- ऑटो एक्सीडेंट में ड्राइवर के अलावा 12 महिलाओं की मौत के बाद मंत्री जी ने पत्रकारों के सामने कहा कि हमने आरटीओ को सस्पेंड कर दिया है। जब परिवहन विभाग के कमिश्नर से पूछा तो उन्होंने कहा कि हमने तो किसी को सस्पेंड नहीं किया है।
मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मीडिया और पीड़ित परिवारों से झूठ कहा
मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के कमिश्नर मुकेश जैन ने स्पष्ट रूप से बताया कि उन्हें इस मामले में शासन स्तर पर कोई निर्देश नहीं मिला है। आरटीओ कमिश्नर के इस बयान के बाद स्पष्ट हो गया है कि मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पत्रकारों और पीड़ित परिवारों से झूठ कहा है। यह नहीं माना जा सकता कि कैबिनेट मंत्री के कहने के बावजूद परिवहन विभाग आरटीओ को सस्पेंड ना करें लेकिन यह जरूर माना जा सकता है कि मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने केवल बयान जारी किया, ना तो परिवहन मंत्री अथवा परिवहन विभाग से इस बारे में कोई चर्चा की और ना ही अपने कार्यालय से कोई नोटशीट चलाई गई।
हादसे में 12 महिलाओं की मौत हुई है, पूरा ग्वालियर शोकमग्न है
बता दें कि ऑटो रिक्शा और यात्री बस के बीच हुई टक्कर में ऑटो ड्राइवर एवं ऑटो में सवार 12 महिलाओं की मौत हुई है। इनमें से 5 महिलाएं ऐसी हैं जो घर में अकेली कमाने वाली थी। सरकारी स्तर पर दिया जाने वाला मुआवजा, इसकी भरपाई नहीं कर सकता। यह आरोप लगाने की जरूरत नहीं कि हादसा परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार के कारण हुआ है। परिवहन विभाग को लापरवाह नहीं कहा जा सकता क्योंकि मध्यप्रदेश शासन का यह एकमात्र ऐसा विभाग है जिसमें बिना सैलरी के ओवरटाइम किया जाता है और छुट्टी के दिन भी काम चल रहा होता है।