ग्वालियर। इतिहास के 70 साल में दृश्य बदल गया है। भारत की स्वतंत्रता के बाद यानी करीब 70 साल पहले ग्वालियर के महाराजा सिंधिया अपनी रियासत वाले क्षेत्र में हिंदूवादी संगठनों को सशक्त कर रहे थे। 70 साल बाद जय विलास पैलेस ग्वालियर के महाराजा सिंधिया पूरे संभाग में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर शिकंजा कसते जा रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर आते ही बदल जाते हैं
राजनीति में कई लोगों का मानना था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया में सामंतवाद की मात्रा काफी कम है। गुना लोकसभा से चुनाव हारने के बाद लोगों का अनुमान था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया एक आम नेता की तरह जमीन से शुरुआत करेंगे ताकि जनता के दिलों में जगह बना सके। कुछ विशेषज्ञों का मानना था कि भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद पार्टी की कार्य संस्कृति के कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया के भीतर का सामंतवाद कम हो जाएगा।
अंदर का महाराज स्पष्ट दिखाई देता है
दिग्विजय सिंह भी अपने बयानों में कहते हैं कि जो कांग्रेस पार्टी में महाराष्ट्र भाजपा में जाकर भाई साहब रह गए लेकिन ग्वालियर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं भाजपा की जमीनी नेता कहते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का व्यवहार ग्वालियर में आते ही बदल जाता है। उनके अंदर का महाराज स्पष्ट दिखाई देता है।
ग्वालियर संभाग में संघ पर शिकंजा कर रहे हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया
विचारधारा से जुड़े गैर राजनीतिक दलों का मानना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भले ही कांग्रेस पार्टी से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए परंतु काम करने का तरीका अभी भी कांग्रेसी ही है। वह एक एक करके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं से ना केवल मिल रहे हैं बल्कि जमीनी स्तर पर संदेश भी दे रहे हैं कि ग्वालियर में संघ और भाजपा उनके अनुसार चलेगा।
पोहरी में संघ के पूर्णकालिक पर FIR मामले में सिंधिया का नाम
पिछले दिनों शिवपुरी जिले की पूरी विधानसभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक पूर्णकालिक कार्यकर्ता राजेश पचौरी के खिलाफ दर्ज की गई FIR के मामले में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि राजेश पचौरी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से भाजपा में आए नेता को स्वीकार नहीं कर रहे थे। ऐसे हालात पूरे ग्वालियर चंबल संभाग में है। कहा जा रहा है कि 'स्मैक पीते हुए गिरफ्तार' वाली खबर से ना केवल पूर्णकालिक कार्यकर्ता बदनाम हुए बल्कि एक मैसेज लाउड एंड क्लियर किया गया कि ग्वालियर चंबल संभाग में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ ही नेताओं को स्वीकार करना ही होगा। इस मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काफी गंभीर हो गया था परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद को ग्वालियर में संघ के एक पदाधिकारी के घर मिलने पहुंचे और फिर सब कुछ शांत हो गया।