इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की महू उपजेल में कैदी को बेहतर सुविधा देने के नाम पर रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। लोकायुक्त टीम ने दबिश देकर जेल आरक्षक और स्वीपर को दबोचा है। आरक्षक ने कैदी के परिवार वालों से 25 हजार की रिश्वत मांगी थी, जो स्वीपर के मार्फत उस तक पहुंचनी थी।
हालांकि परिवार वालों की शिकायत पर इंदौर लोकायुक्त ने इसके पहले ही दबिश दी और उसे दबोच लिया। आगे की कार्रवाई के लिए टीम दोनों को किशनगंज थाने लेकर पहुंची। लोकायुक्त इंदौर को जितेंद्र सोलंकी निवासी ग्राम खजुरिया हातोद ने शिकायत की थी। उसने बताया कि उसके मित्र दिलीप चौकसे के खिलाफ किशनगंज थाने में जून 2020 में धारा 34 (2) आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई हुई थी।
मामले में उसका मित्र अभी उप जेल महू मे बंद है। चौकसे को जेल में कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए जेल का स्टाफ लगातार परिवार वालों से पैसे की मांग कर रहा था, जिसमें पहले भी चौकसे की ओर से जेल स्टाफ को पैसे दिए गए थे, लेकिन चौकसे से वे लोग अब और रुपए मांग रहे हैं। लगातार रुपए देने से परेशान परिवार वालों ने मामले की शिकायत लोकायुक्त में की। इस पर DSP प्रवीण सिंह बघेल की टीम ने प्लान के तहत शिकायतकर्ता जितेंद्र सोलंकी को रिश्वत के रुपए लेकर भेजा। उससे उप जेल के प्रहरी अजेंद्र सिंह राठौर द्वारा फिर से 25000 रुपए की मांग की गई थी।
इस पर वह सोमवार को लोकायुक्त के कहने पर रुपए लेकर पहुंचा था। उसके साथ ही टीम जेल प्रांगण में पहुंची। आरोपी प्रहरी अजेंद्र ने उसे जेल में कार्यरत स्वीपर मनीष बाली को पैसे देने को कहा। जैसे ही पीड़ित ने रुपए मनीष को दिए, वहां मौजूद टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया। नाम पूछने पर आरक्षक का भी खुलासा हुआ। टीम ने दोनों को पकड़ा और किशनगंज थाने लेकर गई।