इंदौर। शहर की चोइथराम फल एवं सब्जी मंडी कभी भी बंद की जा सकती है। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह मंडी में कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन से काफी नाराज हैं एवं उन्होंने व्यापारियों को लास्ट वार्निंग दी है। कलेक्टर मनीष सिंह ने आज चोइथराम मंडी का औचक निरीक्षण किया।
कलेक्टर अचानक मंडी पहुंचे और व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। इस दौरान मंडी सचिव राजेश द्विवेदी, मंडी प्रभारी प्रदीप जोशी सहित सब्जी और फल व्यापारी संगठनों के सुंदरदास माखीजा, ओमप्रकाश गर्ग, त्रिलोक तंवर सहित अन्य व्यापारी प्रतिनिधि मौजूद थे। मंडी में फुटपाथों पर अवैध कब्जे और खेरची कारोबारियाें के अतिक्रमण का मुद्दा भी उठा। इस पर कलेक्टर ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। गेट नंबर-2 के पास अतिक्रमण हटाने के लिए भी कलेक्टर ने मंडी सचिव को निर्देश दिए।
कलेक्टर ने मंडी व्यापारियों से कहा कि सभी व्यापारी खुद भी और परिवार में अधिक से अधिक वैक्सीनेशन कराएं। उन्होंने 31 मार्च से चोइथराम मंडी के अलावा छावनी और लक्ष्मीबाई नगर सहित तीनों मंडियों में कोरोना का टीकाकरण शिविर लगाने के निर्देश मंडी सचिव और स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए। तीनों मंडियों में 45 साल से अधिक आयु के व्यापारियों, हम्मालों, कर्मचारियों आदि को टीके लगाए जाएंगे।
चोइथराम मंडी के बाद कलेक्टर और अन्य अधिकारी छावनी अनाज मंडी भी पहुंचे। वहां व्यापारी प्रतिनिधियों से टीकाकरण शिविर की तैयारियों पर चर्चा की। इस दौरान मध्यप्रदेश सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल, मंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, मनोज काला, वरुण मंगल आदि मौजूद थे।
दरअसल, महाराष्ट्र में इस समय कोरोना का संक्रमण अधिक है और ऐसे समय फल और सब्जी मंडी में महाराष्ट्र के नासिक, नांदेड़ सहित अन्य इलाकों से बड़ी मात्रा में प्याज, अंगूर, संतरा सहित सब्जियों के ट्रक आ रहे हैं। महाराष्ट्र से आने वाले वाहन चालकों, व्यापारियों की मंडी में जांच-पड़ताल और निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं है। इंदौर के स्थानीय व्यापारी भी इसका कोई ध्यान नहीं रख रहे हैं। वे खुद अपनी दुकानों और मंडी में सार्वजनिक रूप से शारीरिक दूरी और मास्क लगाने का पालन नहीं कर रहे हैं। कोविड-19 की पहली लहर के समय भी चाेइथराम में कोरोना का विस्फोट हुआ था और कई व्यापारी और उनके परिवार में संक्रमण फैला था।