इंदौर। भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई के लिए गठित की गई विशेष अदालत ने RES (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा) के अधीक्षण यंत्री पद पर कार्यरत रहे इंजीनियर महेंद्र जैन की 2.69 करोड़ों की संपत्ति राजसात करने के आदेश दिए हैं। इंजीनियर महेंद्र जैन पर आय से अधिक संपत्ति यानी काला धन एकत्रित करने का आरोप था। उनकी मृत्यु हो चुकी है।
आय से अधिक संपत्ति के मामले में 3.23 करोड रुपए
लोकायुक्त पुलिस की ओर से मिली जानकारी के अनुसार दिनांक 9 अगस्त 2011 को लोकायुक्त पुलिस ने इंजीनियर महेंद्र जैन के यहां छापामार कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त पुलिस ने उनके यहां से काला धन एवं बेनामी संपत्ति के दस्तावेज जप्त किए थे। विशेष लोक अभियोजक महेंद्र कुमार चतुर्वेदी के मुताबिक जैन की वेतन से कमाई 1 करोड़ 38 लाख 50 हजार 743 रुपए होना चाहिए थी, लेकिन छापे के वक्त संपत्ति 4 करोड़ 61 लाख 54 हजार 397 रुपए निकली थी। अनुपातहीन संपत्ति 3 करोड़ 23 लाख 3654 रुपए की निकली थी।
इंजीनियर महेंद्र जैन के यहां से क्या क्या मिला
4 मकान पाॅश कॉलोनी में
स्कीम नंबर 54 में मकान नंबर 278।
स्कीम 44 सिद्धार्थ नगर में मकान।
तिलक नगर में मकान।
सागर जिले में एक मकान
एक स्कॉर्पियो कार
बैंक खातों में जमा राशि
पॉलिसी
एसडीए कंपाउंड स्थित गोदाम में रखी 52 लाख की दवाई।
मित्र और रिश्तेदारों के नाम से संपत्ति खरीदी
चतुर्वेदी के मुताबिक जैन के घर से ही अनुपातहीन संपत्ति के दस्तावेज मिले थे, जिसे उन्होंने अपने बच्चे, पत्नी और दोस्तों के नाम कर रखा था। बैंक खातों में जमा, पॉलिसी भी राजसात करने के आदेश जारी किए हैं। जैन ने परिजन के नाम से दवाईयों का व्यापार भी चला रखा था। गोदाम में रखी दवा भी जब्त की जाएगी, हालांकि दवाई एक्सपायर हो चुकी है। परिजन के नाम पर खरीदी गई चल-अचल संपत्ति भी राजसात की जाएगी। मित्र के नाम संपत्ति भी कोर्ट ने काली कमाई माना है।