इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से एक सनसनीखेज मामला सामने आ रहा है। तुकोगंज पुलिस थाने में प्रतीक बगाड़े नाम के युवक ने शिकायत की है कि सदर बाजार पुलिस थाने में पदस्थ आरक्षक लकी चौधरी एवं कमल ने अपने साथी सावेज उर्फ साहिल और महेंद्र की मदद से उसका अपहरण किया।
सदर बाजार पुलिस चौकी में उसे बंधक बनाकर रखा गया। सिर पर पिस्तौल रखकर वीडियो बनाई और ₹100000 फिरौती लेने के बाद उसे मुक्त किया। पुलिस ने दोनों सिपाहियों को हिरासत में ले लिया है। इंदौर में वर्दी पर सिर्फ एक ही दाग नहीं लगा है इससे पहले शुक्रवार को भी सदर बाजार, चंदन नगर और क्राइम ब्रांच के तीन सिपाही शराब तस्कर से वसूली के आरोप में निलंबित हुए हैं।
मनोरमागंज निवासी प्रतीक बगाड़े के मुताबिक, घटना शुक्रवार रात करीब 8.30 बजे एमजी रोड की है। आरोपित साहिल ने उसके दोस्त कन्हैया को कॉल कर कहा कि उसे शराब की बोतल चाहिए। कन्हैया ने प्रतीक को बताया और दोनों ने एमजी रोड स्थित दुकान से शराब खरीद ली। दोनों इंद्रप्रस्थ टावर के समीप खड़े थे कि सिपाही लक्की और कमल दो युवकों को लेकर आ गए। पुलिस को देखकर कन्हैया वहां से भाग गया लेकिन प्रतीक मामला नहीं समझ पाया और खड़ा रहा। सदर बाजार थाने के दोनों आरक्षक लकी चौधरी एवं कमल ने प्रतीक को हिरासत में ले लिया और तस्करी का आरोप लगाते हुए सदर बाजार पुलिस चौकी में बंधक बना लिया।
पीड़ित प्रतीक का आरोप है कि दोनों आरक्षकों ने सदर बाजार पुलिस चौकी में उसे बेरहमी से पीटा और तस्करी के मामले में गिरफ्तार करने की धमकी देते हुए, छोड़ देने के लिए ₹100000 की मांग की। रात करीब 12:00 बजे प्रतीक के परिवार वालों ने ₹100000 की व्यवस्था की और दोनों सिपाहियों को लेकर प्रतीक को सदर बाजार पुलिस चौकी से मुक्त कराया। शनिवार दोपहर प्रतीक दोस्तों के साथ तुकोगंज थाने पहुंचा और थाना प्रभारी कमलेश शर्मा को पूरा घटनाक्रम बताया। पुलिस ने सिपाही लक्की चौधरी और कमल को हिरासत में ले लिया।
तस्करी में फंसाने की धमकी के बाद दोस्तों ने जुटाए रुपये
प्रतीक के मुताबिक, सिपाहियों ने चौकी में बंधक बनाकर उसकी जमकर पिटाई की। रात में उसने रोते हुए मां को कॉल कर कहा कि पूजा स्थल पर रखे 40 हजार रुपये पहुंचा दो। इसके बाद उसके दोस्त रूपेश बौरासी, गोविंद चौधरी, चेतन सोलंकी और कुबेर वर्मा हरकत में आए और 60 हजार रुपये एकत्र किए। रुपये मिलने पर आरोपित प्रतीक को जेल रोड पर छोड़कर भाग गए।
पुलिस वालों ने वर्दी में किडनैप कर चौकी में बंधक बनाया और फिरौती वसूल की
लक्की, कमल, साहिल और एक अन्य पुलिस की वर्दी में आए थे। पहले मुझे राजकुमार ब्रिज पर ले गए। बाद में चौकी में बंधक बना लिया। मुझे पर पिस्टल अड़ा दी और वीडियो बना लिया। महेंद्र को तस्कर बनाकर पेश किया और कहा कि इसने तेरा नाम कुबूला है। मुझे बेरहमी से पीटा और कहा कि एक लाख की व्यवस्था कर ले। आरोपितों ने मोबाइल भी छीन लिया। महेंद्र के फोन से नानी और दोस्त चेतन से रुपयों की व्यवस्था करवाई। आरोपित महेंद्र व साहिल ने हाई कोर्ट के समीप रुपये लिए और फरार हो गए। रिहाई के बाद गोविंद (दोस्त) समझ गया कि पुलिसवालों ने अपहरण कर फिरौती वसूली है। सिपाही घबरा गए और पत्नी-बच्चों की दुहाई देने लगे।
(जैसा फरियादी प्रतीक ने अपनी शिकायत में बताया)
आपसी लेनदेन का मामला
सदर बाजार थाना प्रभारी कमलेश शर्मा के मुताबिक, प्रतीक का साथी कन्हैया आरोपित साहिल के साथ धोखाधड़ी के आरोप में जेल में बंद था। साहिल को उससे रुपये लेने थे। इसलिए मामले की अभी जांच चल रही है।