गर्भावस्था किसी भी महिला के जीवन की सबसे मुख्य अवस्था होती है। क्योंकि इसके चलते नन्हें मेहमान की आने की वजह से उसका जीवन खुशियों से भर जाता हैं लेकिन कई बार प्रयास करने के बावजूद भी कुछ महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती। शादी के 2 साल तक शारिरिक सम्बंध बनाने पर गर्भ धारण नहीं कर पाना ही बांझपन (Infertility) कहा जाता है।
यह बांझपन पुरुष एवं महिला दोनों में पाया जाता है। लेकिन महिलाओं में पुरुषों से अधिक पाया जाता है। महिला बांझपन को मेडिकल भाषा में (Female Infertility) कहा जाता है। जब पुरुषों में बाझपन को Male infertility कहा जाता है। समस्या उस समय उत्पन्न निर्माण होती है। जब कोई महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है।
महिलाओं में बांझपन के लक्षण
1. अनियमित पिरियड ( Irregular Period )
महिलाओं में औंसत पिरियड की cycle लगभग 28 दिन लंबा होता है। हालांकि अगर यह cycle 21-35 दिनों तक रहता है ।Nonsfop ना हो तब भी यह Normal माना जाता है ।
2. सेक्स के दौरान दर्द ( Pain During Sex)
सेक्स के दौरान दर्द स्वास्थ समस्या का symbol हो सकता हैं । जो एक महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है ।
3. मेन्स्टूअल ब्लड का डार्क/ लाईट कलर
अगर मेन्स्टुअल के दौरान आपके ब्लड का कलर नार्मल दिनो के मुकाबले ज्यादा गाढा / हल्के रंग नजर आये तो ये भी आपके लिये बाझपन की समस्या की बात हो सकती है ।
महिलाओं में बांझपन के कारण
1. फैलोपियन ट्युब ब्लॉकेज
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होने से महिलाओ में गर्भधारण करने में विफलता हो सकती है । क्योंकि भ्रूण बनने की प्रक्रिया इसी माध्यम से शुरू होती है ।
2. ओवुलेशन की समस्या
ओवुलेशन की प्रॉब्लम होने पर महिलाओं के अंडाशय में दिक्कत होती है । यानी कि प्रजजन हार्मोन बनने में परेशानी होती है जिसे वह माँ नहीं बन सकती है ।
3. पी. सी. ओ. एस की प्रॉब्लम
PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम जिसे अंडो का फरटिलाइज नहीं हो पाता है । जब अंडाशय से बहुत सारे परिपक्व अंडो का निर्माण तो हो जाता है मगर फर्टिलाइजेशन नहीं पाता है जिसे गर्भ ठहरने की सम्भावना न के बराबर हो जाती है ।
4. मोटापा
यदि आपका वजन सामान्य से अधिक है तो आपकी प्रजनन क्षमता पर असर हो सकता है। आप शारिरिक सम्बन्ध भी ठीक से नहीं बना सकते है । आमतौर पर 35 साल के उम्र के बाद महिलाओं में प्रजनन करने की क्षमता घटने लगती है ।
5. अन्य कारण
महिला बाझपन के अन्य कारणों में लगातार किसी न किसी बीमारी से ग्रसित होना भी एक कारण हो सकता है। अनियमित भोजन, डिप्रेशन एवं नशीले पदार्थों का सेवन करने से भी बाझपन के शिकार हो सकते है।
महिलाओं में बांझपन का आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार पंचकर्म चिकित्सा पद्धति से निसंतानता का सफल इलाज किया जा सकता है। आयुर्वेदिक उपचार चिकित्सा जैसे स्नेहपान, अभ्यंग, स्वेदन, वमन, विरेचन इत्यादि पंचकर्म की प्रणाली से हानिराहित इलाज सम्भव है। इन पद्धति के दौरान विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। रोजाना अनुलोम विलोम एवं कपालभाति करें। दशमुलारिष्ट / दशमुला का काढा पिये।
बाझपन का मेडिकल ट्रीटमेंट
एलोपैथी ट्रीटमेंट के अनुसार IVF में सबसे हेल्दी परिपक्व अंडा (Mature Egg) एवं शुक्राणु (Sperms) को लैब के नियंत्रित वातावरण में Fertilize किया जाता है। उसके बाद अच्छी Quality के Embroys को महिला के गर्भ में प्रत्यारोपीत किया जाता है। ताकि वह सामान्य रुप से बढ सके । निसंतान दंपतियों के लिये ये सबसे कारगर एवं सफल प्रक्रिया है । ये बात अलग है कि आयुर्वेद के मुकाबले काफी महंगी होती है।
महिलाओं के टेस्ट
● फैलोपियन ट्यूब टेस्ट
● खून टेस्ट
● गर्भाशय टेस्ट
● अंडो की गुणवत्ता की जांच ।
पुरुषों के टेस्ट
पुरुषों के टेस्ट के रूप में शुक्राणुओं का टेस्ट किया जाता है जिनकी गुणवत्ता एवं सख्या की जांच की जाती है ।
एल. आर. सेजु थोब 'प्रिंस'