इंदौर। अटलांटा में रहने वाले मप्र के इंदौर मूल के आईटी कंसल्टेंट दिनेश मित्तल का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बनवाकर भूमाफिया ने उनके प्लॉट पर कब्जा कर लिया। मामले का खुलासा तब हुआ, जब भूमाफिया ने इसे किसी को बेचना चाहा और खरीदार इसके दस्तावेजों को देखने के बाद पता करते-करते आईटी कंसल्टेंट के बुजुर्ग माता-पिता के पास पहुंचा। आईटी कंसल्टेंट ने मामले में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को भी शिकायत की है।
एएसपी प्रशांत चौबे के मुताबिक, गुरुवार को खातीवाला टैंक निवासी 77 वर्षीय कल्याणमल मित्तल ने शिकायत की कि उनका बेटा दिनेश मित्तल (41) यूएस के अटलांटा में आईटी कंसल्टेंट हैं। उसने वर्ष 2009 में एरोड्रम, विद्या पैलेस कॉलोनी में गीता गृह निर्माण संस्था मर्यादित के संचालक गोविंद अग्रवाल से प्लॉट नंबर41- ए खरीदा था। सप्ताह भर पहले प्लॉट को लेकर कुछ लोग आए।
बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र दिखाकर प्लॉट बेचने की इच्छा जाहिर की। यह सुनकर बुजुर्ग दंपती दंग रह गए। उन्होंने इसकी जानकारी बेटे को दी तो उसने कुछ परिचितों से अपने प्लॉट की स्थिति व जानकारी निकलवाई तो पता चला प्लॉट को किसी ने बेटे का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र और फर्जी वसीयत बनाकर लाबरिया भेरू में रहने वाली सीमा नामक महिला को बेच दिया। फिर उस महिला ने इन्हीं फर्जी दस्तावेज पर प्लॉट का सौदा महेंद्र चौरसिया से कर दिया। प्लॉट के दस्तावेज देखने के बाद चौरसिया माता-पिता से बेटे की मौत का कंफर्म करने आए थे। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ।
एएसपी के मुताबिक, शुरुआती जांच में पता चला है कि दिनेश मित्तल ने जब प्लॉट खरीदा था, उसके एक साल बाद ही उसे एमवायएच में मृत बताकर डेथ सर्टिफिकेट नगर निगम से जारी कराया गया था। इसी डेथ सर्टिफिकेट पर उसकी फर्जी वसीयत सीमा बाई के नाम पर बनाई गई। मामले में एमवायएच, नगर निगम, जिला पंजीयक कार्यालय से सभी दस्तावेज निकलवा कर जांच करा रहे हैं।
दिनेश ने बताया कि उन्होंने निवेश के हिसाब से प्लॉट खरीदा था। रजिस्ट्री व सभी कानूनी दस्तावेज उनके पास हैं। उनके जिंदा होने के बाद भी नगर निगम ने मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी कर दिया, जबकि वे अमेरिका की नागरिकता ले चुके हैं। इस घटना को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी ट्वीट किया है। साथ ही माता-पिता की सुरक्षा की मांग की है।