इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के नंदानगर क्षेत्र में गवर्नमेंट इंडस्ट्रियल ट्रैनिंग इंस्टिट्यूट (आइटीआइ) में एक परीक्षार्थी को अन्य छात्र के नाम पर परीक्षा देते पकड़ा है। फीटर ग्रेड का पेपर हल करने आए इस मुन्नाभाई पर पर्यवेक्षक को शंका हुई। बाद में आइटीआइ प्रबंधन ने दूसरे छात्र को भी बुलवा लिया।
पूछताछ में छात्र ने परीक्षा में दूसरे विद्यार्थी को बिठाने के पंद्रह सौ रुपए देना बताया है। मामले में एक प्राइवेट आइटीआइ का कोर्स करवाने वाली संस्था के संचालक का नाम सामने आया है। आइटीआइ प्रबंधन ने दोनों छात्रों को पुलिस को सौंप दिया है। फिलहाल पुलिस छात्रों के बयान पर मामले की जांच करने में जुटी है। सोमवार को आइटीआइ में फिटर और इलेक्ट्रीशियन ग्रेड का इंजीनियरिंग ड्राइंग विषय का पेपर था। सुबह 11 से दोपहर दो बजे तक परीक्षा का समय था। करीब 165 परीक्षार्थी मौजूद थे।
पेपर शुरू होने के बीस मिनट बाद पर्यवेक्षकों ने विद्यार्थियों के फोटो आइडी-रोल नंबर का मिलान किया। जैसे ही पर्यवेक्षक विष्णु प्रसाद भामरे नामक छात्र के पास पहुंचे तो आधार कार्ड-रोल नंबर पर दर्शाए फोटो से छात्र का चेहरा मिलता-जुलता नजर नहीं आया। शंका होने पर पर्यवेक्षक ने पूछा कि फोटो में चेहरा काफी भरा हुआ दिखा रहा है। इस पर छात्र बोला कि पहले सर मैं प्रोटीन पावडर लेता था। इस वजह से वजन काफी बढ़ चुका था। बाद में वाइस प्रिसिंपल गंजानंद शाजापुरकर को बुलाया। स्टाफ छात्र को दूसरे कमरे में लेकर गया और सख्ती से पूछताछ करने पर छात्र ने अपना नाम तुषार चौधरी बताया।
परीक्षा देने आए छात्र द्वारा नाम बताने के बाद स्टाफ ने परीक्षा फॉर्म से विष्णु का मोबाइल नंबर निकाला और फोनकर उसे बुलाया। विष्णु एक प्राइवेट संस्थान पुष्प आइटीआइ से फिटर का कोर्स कर रहा था, जो इन दिनों बंद हो चुकी है। दोनों छात्रों से पूछताछ करने पर सामने आया कि पुष्प आइटीआइ के एक पटेल सर के कहने पर विष्णु के नाम से तुषार परीक्षा देने आया था। बदले में विष्णु ने 1500 रुपये भी पुष्प आइटीआइ वाले संचालक को दिए। बाद में आइटीआइ प्रबंधन ने हीरा नगर थाने को घटना के बारे में जानकारी दी। दोपहर एक बजे पुलिसकर्मी दोनों को थाने ले गई।
स्टाफ ने जैसे ही तुषार को पकड़ा तो परीक्षा हॉल में बैठा एक छात्र भाग निकला। जानकारी जुटाने के बाद सामने आया कि वैभव नाम का छात्र गायब है। इसके बारे में भी स्टाफ ने पुलिसकर्मियों को जानकारी दी है। वाइस प्रिसिंपल शाजापुरकर ने बताया कि छात्र का चेहरा रोल नंबर पर दर्शाए फोटो से अलग दिखा। पूछताछ करने पर उसने दूसरे छात्र के नाम पर परीक्षा देना बताया। इस बीच एक छात्र ओर भाग गया।