भोपाल। राजनीति के गलियारों से बड़ी खबर आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ पिछले 4 दिन से सीएम शिवराज सिंह चौहान से फोन पर बात करने की कोशिश कर रहे हैं परंतु सफल नहीं हो पाए।
राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज बताया कि '18 मार्च से मैं व कमलनाथ जी मुख्यमंत्री जी से बात करना चाह रहे हैं लेकिन उनके पास हम लोगों से बात करने के लिए भी समय नहीं हैं। जश्न मनाने के लिए समय है लेकिन, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों से फ़ोन पर भी बात करने के लिए समय नहीं है।
श्री दिग्विजय सिंह ने बताया कि 'मप्र के ग्राम पटिया बड़ा मलहरा ज़िला छतरपुर में कॉंग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष इंद्र प्रताप परमार की १६ मार्च को हत्या की गई। मैं उनके परिवार से मिलने गया था। इसी ग्राम में इनके बड़े भाई भागवत सिंह व रखुआ अहिरवार की भी हत्या इन्हीं लोगों ने कर दी थी।'
उन दोनों परिवारों पर व उनकी छोटी छोटी बच्चियों पर क्या गुज़र रही है मुझसे देखा नहीं गया। आज भी अपराधियों का पूरे क्षेत्र में आतंक है। प्रभावशाली भाजपा के नेताओं के संरक्षण 5 साल से फरारी काट रहे थे। छतरपुर में मुझे बताया गया 300 अपराधी कई वर्षों से फ़रार हैं। शिवराज सरकार मौन है।
पटिया के रखुआ अहिरवार की हत्या व नरवर अहिरवार की नाक काट दी गई। शासन की नीति के अंतर्गत ज़िला प्रशासन से आज तक उनके परिवारों को कोई मुआवज़ा नहीं मिला है। ऐसे अ़क्षम प्रशासन पर क्या कार्रवाई नहीं हो सकती? क्या उन पर अजा अजजा अत्याचार अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई नहीं हो सकती?
मुझे एसपी साहब ने सूचित किया है, इमरत हरचंदा व रामकृपाल पकड़े गए हैं लेकिन हाकिम मोरपाल व हरदेव जिनका ग्राम में भारी आतंक है वे अभी भी नहीं पकड़े गए। इन फरारी लोगों की फसलें पुलिस संरक्षण में काटी जा रही हैं। जबकि भागवत की हत्या में गवाह देने वालों को आज भी धमकियाँ मिल रही हैं। जैसा कि श्री दिग्विजय सिंह ने लिखा।