भोपाल। मंच पर खड़े नेता कांग्रेस पार्टी को आज भी देश की सबसे बड़ी पार्टी कहते हैं परंतु चुनाव जीतने के लिए अपने जनाधार से ज्यादा भारतीय जनता पार्टी के भितरघात पर भरोसा करते हुए प्रत्याशी का चुनाव करते हैं। दमोह विधानसभा के उपचुनाव में कमलनाथ की टीम ने जिला अध्यक्ष अजय टंडन का नाम इसलिए फाइनल किया है, क्योंकि कमलनाथ की टीम को जयंत मलैया की गद्दारी पर भरोसा है।
दमोह उपचुनाव प्रत्याशी के लिए कांग्रेस पार्टी में तीन नामों पर विचार
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि टंडन के अलावा दो अन्य दावेदारों मनु मिश्रा और रतनचंद जैन के नाम पर भी चर्चा हुई थी लेकिन बीजेपी के राहुल से मुकाबला करने टंडन को उतारने पर सहमति बनी। हालांकि उम्मीदवार का नाम कमलनाथ घोषित करेंगे। इस बैठक में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, विधायक संजय शर्मा, संजय यादव समेत पार्टी के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
भाजपा में राहुल लोधी का नाम पहले से ही तय था
कांग्रेस पार्टी से दल बदल कर भाजपा में आए राहुल लोधी को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश सिविल सप्लाई कारपोरेशन का चेयरमैन बना दिया था। इस नाते उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है। राहुल लोधी शुरू से ही अपनी तैयारियां कर रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भी आधिकारिक घोषणा की जा चुकी है।
कांग्रेस की अनुमानित जीत का आधार, भाजपा के गद्दार
दमोह विधानसभा उपचुनाव में कमलनाथ की टीम को कांग्रेस पार्टी के जनाधार पर विश्वास नहीं है बल्कि भाजपा के भितरघाती और गद्दार नेताओं के कैलकुलेशन पर ज्यादा होमवर्क किया जा रहा है। जब से राहुल लोधी ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की है तब से लेकर अब तक किसी भी मंच पर जयंत मलैया उनके साथ नजर नहीं आए। पथरिया विधायक श्रीमती रामबाई परिहार के फरार इनामी पति की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई से श्रीमती रामबाई परिहार के समर्थक एवं समाज नाराज होगा। कांग्रेस पार्टी का केलकुलेटर इसी गुणा भाग में लगा है कि कितने लोग नाराज होंगे और उनके वोट कांग्रेस की झोली में गिरेंगे।
सिद्धार्थ मलैया का चैप्टर क्लोज
करीब 1 महीने पहले भोपाल मुख्यालय सिद्धार्थ मलैया को काफी गंभीरता से ले रहा था। सिद्धार्थ मलैया की एक-एक गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी। सरकारी और प्राइवेट डिटेक्टिव सिद्धार्थ मलैया के आसपास तैनात कर दिए गए थे। मुखबिर नेटवर्क एक्टिव कर दिया गया था। पिछले 1 महीने में जिस तरह की रिपोर्ट सामने आई है, सिद्धार्थ मलैया में वह स्पार्क दिखाई नहीं दिया, जिसके कारण जनता आकर्षित हो जाएगी। सिद्धार्थ मलैया की पहचान आज भी पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे के रूप में ही है। सिद्धार्थ मलैया का अपना ना तो कोई जनाधार है और ना ही कोई ऐसी टीम जो विधानसभा जैसे उपचुनाव में पार्टी को परेशानी पैदा कर सके।