भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार लॉकडाउन के कारण सरकारी खजाने को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है लेकिन आम नागरिकों पर जो प्रभाव पड़ा, उससे राहत देने के लिए कोई अभियान नहीं चलाया जा रहा। हालात यह है कि सरकारी दस्तावेजों में बेरोजगारों की संख्या बढ़कर 2500000 हो गई है। ध्यान देने वाली बातें की यह सरकारी आंकड़ा है।
राज्य सरकार ने वर्ष 2020-21 का आर्थिक सर्वेक्षण विधानसभा में जारी कर दिया है। इसके मुताबिक मध्य प्रदेश की GDP वर्ष 2020-21 में (सकल घरेलू उत्पाद) पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 की तुलना में 3.37% घट गई है। सरकार को अनुमान है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रदेश की GDP 5 लाख 60 हजार 845 करोड़ रुपए रहेगी।
इसी तरह कोरोनाकाल में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय प्रचलित भावों के आधार पर वर्ष 2020-21 में 98 हजार 418 रुपए रह गई है। जो वर्ष 2019-20 में 1लाख 3 हजार 288 थी। यानी 4.71% की कमी आई। यदि स्थिर भाव से देखें तो यह 62 हजार 236 से घटकर 58 हजार 425 रुपए हो गई। पिछले साल की तुलना में 6.12% की कमी आई है।
2020 की स्थिति में बेरोजगारों की संख्या 24.72 लाख हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की विकास दर में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 3.9% की कमी अनुमानित है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम (MSME) उद्योग के रजिस्ट्रेशन में वर्ष 2019-20 में 3.35% की कमी आई। 2018-19 में प्रदेश में ऐसे रजिस्टर्ड उद्योगों की संख्या 2.98 लाख थी जो वर्ष 2019-20 में घट कर 2.88 लाख रह गए।