भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश के करीब 20 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के लिए बुरी खबर है। उनकी परीक्षाएं चुनाव प्रचार के शोर के बीच में होंगी। राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार के बीच चल रहे सांप सीढ़ी के खेल में अब स्थिति यह बन रही है कि चुनाव का एक चरण बोर्ड परीक्षा के पहले और दूसरा चरण बोर्ड परीक्षा के बाद होगा। यानी बोर्ड परीक्षा के दौरान शांति नहीं रहेगी बल्कि चुनाव प्रचार चलता रहेगा।
मध्य प्रदेश का सशस्त्र बल बंगाल और तमिलनाडु चला गया, चुनाव कौन कराएगा
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव लगभग एक साल पहले हो जाने चाहिए थे लेकिन सत्ता परिवर्तन होने के कारण नियम और व्यवस्थाओं में परिवर्तन किए गए। इसके चलते चुनाव टाल दिए गए। अब जबकि लगभग सभी तैयारियां पूरी हो गई है और हाईकोर्ट ने तत्काल चुनाव कराए जाने के आदेश दिए हैं तब मध्य प्रदेश के गृह विभाग में भारत सरकार के गृह मंत्रालय की डिमांड पर सशस्त्र बल की 50 कंपनियां बंगाल और तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए भेज दीं।
केंद्र ने मांगी थी इसलिए 50 कंपनियां भेज दी: अपर मुख्य सचिव गृह विभाग
मध्य प्रदेश अपर मुख्य सचिव (गृह विभाग) डॉ.राजेश राजौरा ने बताया कि आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से बल मांगा था, जो भेजा गया है। 20 कंपनियां बंगाल गई हैं और 30 कंपनियां तमिलनाडु का चुनाव कराएंगी। राज्य निर्वाचन आयोग को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया है।
मध्य प्रदेश में चुनाव कराने के लिए सुरक्षा बल आरक्षित रखना: राज्य निर्वाचन आयोग
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्ग विजय सिंह ने कहा कि गृह विभाग ने पत्र लिखकर अवगत कराया है कि केंद्रीय चुनाव आयोग सशस्त्र बल मांग रहा है। वहां बल भेजे जाने पर यहां चुनाव के लिए बल उपलब्ध कराने में परेशानी होगी। आयोग की ओर से हमने भी विभाग को बताया है कि बोर्ड परीक्षा के पहले एक चरण का चुनाव कराने का प्रस्ताव है। इसके मद्देनजर इतना बल आरक्षित रखा जाए, जिससे सुरक्षा व्यवस्था में परेशानी न आए।