भोपाल। मध्य प्रदेश में प्रायोगिक परीक्षा से पहले सरकारी व निजी स्कूलों की प्रयोगशालाओं का निरीक्षण होगा। इसके तहत प्रयोगशाला में उपयोग होने वाले उपकरण से लेकर कापियों तक की जांच होगी। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिम) ने निर्देश जारी कर मूल्यांकनकर्ताओं का चयन और नियुक्ति करने को कहा है।
12 मार्च तक प्रयोगशाला की उपयोगिता की रिपोर्ट मंडल को सौंपनी होगी, साथ ही प्रयोगशाला की फोटो भी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। इसके अलावा माशिम ने जिन स्कूलों की प्रयोगशाला उपयुक्त हों, सिर्फ उन्हीं में प्रायोगिक परीक्षा केंद्र बनाने को कहा है। उल्लेखनीय है कि राजधानी के 135 सरकारी हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में से करीब 20 की प्रयोगशालाओं की स्थित खराब है, फिर भी इन स्कूलों में हर साल प्रायोगिक परीक्षाएं संपन्न् कराई जाती हैं। स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति भी कम है। इस कारण स्कूलों में अब तक प्रायोगिक कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
मूल्यांकनकर्ता राजधानी के 135 सरकारी और 400 निजी स्कूलों की जांच करेंगे। उन्हें निरीक्षण कर परीक्षा के लिए प्रयोगशाला की उपयोगिता की जानकारी मंडल की वेबसाइट पर 12 मार्च तक देनी है। इसके बाद 25 मार्च तक विद्यार्थियों को प्रायोगिक परीक्षा के लिए केंद्र का आवंटन होगा। पांच अप्रैल तक परीक्षा के संबंध में समयसारिणी जारी कर दी जाएगी। प्रायोगिक परीक्षा का आयोजन 15 से 26 अप्रैल तक होगा। मंडल ने इस बार नवाचार करते हुए प्रायोगिक परीक्षा संपन्न् कराते हुए फोटो भी वेबसाइट पर अपलोड करने की तैयारी की है।
पहली बार प्रायोगिक परीक्षा से पहले स्कूलों की प्रयोगशाला का निरीक्षण होगा। इसके लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई है, जो निरीक्षण कर रिपोर्ट सौपेंगे। इससे स्कूलों में प्रायोगिक कार्य की गुणवत्ता बढ़ेगी।
- नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी