ग्वालियर। पूरे मध्यप्रदेश में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के पुजारी बाबूलाल चौरसिया के कारण कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का विरोध जारी है। पार्टी से निष्कासन की धमकी के बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ता अनुशासन के नाम पर बाबूलाल चौरसिया को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। ग्वालियर में कांग्रेसियों ने महात्मा गांधी की उस प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध किया जिस पर बाबूलाल चौरसिया ने माल्यार्पण किया था।
नाथूराम गोडसे के पुजारी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को अशुद्ध कर दिया था
रविवार को फूलबाग स्थित महात्मा गांधी की उस प्रतिमा को कांग्रेसियों ने गंगाजल से स्थान कराया, जिस पर एक दिन पहले शनिवार को बाबूलाल चौरसिया ने माल्यार्पण किया था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि गोडसे भक्त के फूल चढ़ाने से महात्मा गांधी की प्रतिमा अशुद्ध हो गई थी, जिसे गंगाजल से नहलाकर शुद्ध किया गया।
ग्वालियर में अरुण यादव के समर्थक रूपेश यादव ने कमलनाथ के खिलाफ प्रदर्शन किया
ग्वालियर नगर निगम के वार्ड 44 से हिंदू महासभा के इकलौते पार्षद व गोडसे भक्त बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी में घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस के अंदर दो गुट बन गए हैं। एक कमलनाथ के कदम को सही बता रहा है और दूसरा कमलनाथ के विरोध में आकर खड़ा हो गया है। रविवार को ग्वालियर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बाबूलाल को पार्टी में शामिल किए जाने का जमकर विरोध किया। इस मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ''गोडसे भक्त बाबूलाल को वापस भेजो'' के नारे लगाते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की। यह प्रदर्शन कांग्रेस के प्रदेश सचिव रूपेश यादव के नेतृत्व में किया गया। रूपेश मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव के करीबी माने जाते हैं।
आपको बता दें कि बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता 24 फरवरी को पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान पीसीसी चीफ कमलनाथ ने दिलाई थी। मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने कमलनाथ के इस फैसले का मुखरता से विरोध किया है। मानक अग्रवाल ने भी अरुण यादव का समर्थन किया है। ग्वालियर में दक्षिण के विधायक प्रवीण पाठक ने कमलनाथ के फैसले को सही ठहराया है।