भोपाल। मध्यप्रदेश में नगरिया निकाय चुनाव की अधिसूचना से पहले सरकारी खर्चे पर मिशन नगरोदय के तहत आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में विकास के लिए कई घोषणाएं की। आधिकारिक तौर पर यह एक सरकारी कार्यक्रम था लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे नगरिया निकाय चुनाव के लिए मुख्यमंत्री की घोषणाएं करार दिया गया है।
मिशन नगरोदय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषण के मुख्य अंश
केवल युवा नहीं युवा के साथ हमारे माताएं-बहनें, उद्यमी रोजगार करना चाहेंगे तो उनके लिए नयी योजना, उन्हें बैंक से लोन के लिए इंतजाम करेंगे। इसके लिए उद्यम क्रांतिकारी योजना हम प्रारंभ करेंगे, ताकि सबको रोजगार मिल जाए।
स्ट्रीट वेंडर का लोन देना निरंतर जारी रहेगा, कोई सूदखोर के चक्कर में ना पड़े इस बात का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना फेज 4, मुख्यमंत्री शहरी योजना द्वितीय चरण शुरू की जाएगी। रोजगार सबको चाहिए। सरकारी नौकरियों में भी हम भर्ती कर रहे हैं।
अभी छोटी-छोटी चीजों के लिये नगर निगम या नगर पालिका के चक्कर लगाने पड़ते हैं इसलिये नागरिक सेवाओं के लिये हम अभियान प्रारंभ कर रहे हैं। नागरिकों को घर बैठे बैठे चाहे बिल जमा करना या अनुमतियां प्राप्त करनी हो उनको मोबाइल पर ही सुविधा मिल जाये इस चीज का इंतजाम करेंगे।
आने वाले 5 साल में रोडमैप के तहत 70 हजार करोड़ रुपये शहरों के विकास के लिये खर्च किये जायेंगे। शहरों में अच्छी सड़कें, 24 घंटे बिजली, सार्वजनिक स्थान पर प्रकाश की व्यवस्था, ड्रेनेज और सीवेज की व्यवस्था की जायेगी।
दीनदयाल रसोई केंद्र भी खोले जा रहे हैं। इन केंद्रों की संख्या हम बढ़ाते जा रहे हैं। इन केंद्रों में आवश्यकताओं को ध्यान रखते हुए विशेष सुविधाएं दी जाएंगी। भिखारी भाई-बहनों के लिए शेल्टर होम की व्यवस्था भी शहरों में की जाएगी।
महाकाल मंदिर के परिसर का कायाकल्प हो रहा है। जितनी पुरानी बिल्डिंग या धार्मिक महत्व के स्थान है उनका विकास किया जाएगा। नई पीढ़ी को प्राचीन संस्कृति से अवगत कराने हेरिटेज पार्क बनाए जाएंगे।
एक के बाद एक विकास के काम भी करना है और जनता के कल्याण भी करना है। सार्वजनिक स्थानों पर भी प्रकाश की व्यवस्था हो इसका भी इंतजाम किया जाएगा। सीवेज का सिस्टम, अंडर ग्राउंड पाइप लाइन, हर घर में वैध कनेक्शन का भी इंतजाम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना का दूसरा चरण प्रारंभ किया जाएगा, ताकि हर घर में पानी पहुंच जाए। अपना घर हो यह सपना सबका है। इसलिए हम ये संकल्प ले रहे हैं कि आने वाले 4 वर्षों में मप्र में कोई ऐसा नहीं होगा, जिसका अपना पक्का मकान ना हो।