भोपाल। आकस्मिक निधि में कार्यरत भृत्य को पांच वर्ष सेवाकाल पर नियमित वेतनमान की पात्रता है। मप्र अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय कल्याण समिति के प्रांतीय महामंत्री कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि अर्जुनसिंह पिता जगदेव सिंह भृत्य उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आंत्री तहसील मनासा जिला नीमच ने नियमित वेतनमान को लेकर याचिका क्रमांक डब्ल्यू पी 4250/2021 माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में दायर की थी।
विद्वान न्यायधीश श्रीमान सुबोध अभयंकर साहब ने विडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की। अधिवक्ता श्री एसआर पोरवाल के तर्कों से सहमत होकर "महेश पिता रामप्रसाद" की याचिका 4137/2015 दिनांक 01/07/2015 में समरूप प्रकरण के समान पांच वर्ष सेवाकाल पूर्ण होने अर्जुनसिंह पिता जगदेव सिंह भृत्य को 2008 के बजाय 1996 से नियमित वेतनमान देने के आदेश दिनांक 08/03/2021 को पारित किये। आदेश पारित कर प्रमुख सचिव मप्र शासन भोपाल, संयुक्त संचालक कोषलेखा संभाग उज्जैन, जिला कोषालय एवं जिला शिक्षा अधिकारी नीमच को तीन माह में फैसला लागू करने के निर्देश जारी किये है।
ज्ञात हो लघुवेतन कर्मचारी वर्षो तक शोषण सहते हुए न्याय के लिए माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में याचिका दायर की थी। अपेक्षानुरूप न्याय प्राप्त हुआ। प्रदेश में ऐसे कई लघुवेतन कर्मचारी वर्षो से आकस्मिक निधि में कार्यरत होकर आर्थिक रूप से शोषित हो रहे है। कर्मचारी नेता लक्षकार ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि यह फैसला रेगिस्तान में पानी की अमृत धारा के समान मील का पत्थर साबित होकर सभी का मार्ग प्रशस्त करेगा। इससे लघुवेतन कर्मचारियों में हर्ष व्याप्त हैं।