इंदौर प्रशासन का अंधविश्वास: तेंदुए के कारण स्वच्छता में टॉप पर आता है शहर - MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम के अनुसार यदि कोई शासकीय सेवक अंधविश्वासी हो जाता है या फिर टोने टोटके में विश्वास करने लगता है तो ऐसे सरकारी कर्मचारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर सेवा से पृथक कर दिया जाना चाहिए। भारत का संविधान किसी भी शासकीय सेवक एवं जनप्रतिनिधि को अंधविश्वास की मान्यताओं को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं देता। बावजूद इसके इंदौर प्रशासन न केवल अंधविश्वासी हो गया है बल्कि इसे बढ़ावा भी दे रहा है। इंदौर जिला प्रशासन की ओर से प्रेस को सूचना देने के लिए कार्यरत जनसंपर्क कार्यालय द्वारा प्रसारित किया गया है कि पिछले 3 साल से तेंदुए के कारण इंदौर स्वच्छता में नंबर वन पर आ रहा है।

जब-जब भी तेंदुआ आया इंदौर स्वच्छता में नंबर वन रहा है: डॉ उत्तम यादव

जब-जब तेंदुआ शहर में घुसता है इंदौर नंबर वन आता है। इंदौर चिड़ियाघर के प्रभारी डॉ उत्तम यादव ने बताया कि 3 वर्ष से इंदौर शहर में 10 मार्च को ही तेंदुआ शहर में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह संयोग ही हो सकता है कि जब-जब भी तेंदुआ शहर में आया है तब तक इंदौर स्वच्छता में नंबर वन रहा है। 

इस साल भी तेंदुआ 10 मार्च को आया है इसलिए इंदौर स्वच्छता में नंबर वन बनेगा

इस बार भी 10 मार्च को ही तेंदुए ने शहर में प्रवेश किया है इससे यह संकेत मिलते हैं कि इस बार भी इंदौर स्वच्छता में देश में नंबर वन रहेगा। डॉ यादव ने बताया कि 10 मार्च 2019 को तेंदुआ धार रोड पर आया था इसके बाद 10 मार्च 2020 को तेंदुआ पल्हर नगर में घुस आया था और  इस बार 2021 में 10 मार्च को ही रानी बाग के पास तेंदुआ शहर में घुसा है। 

यह अंधविश्वास इंदौर के सफाई कर्मियों का अपमान है 

नियम कानून की किताबों की बात ना भी करें तो भी इस प्रकार के अंधविश्वास इंदौर के उन सैकड़ों सफाई कर्मचारियों का अपमान है जो अपने व्यक्तिगत कामों को छोड़कर नियमित रूप से सफाई कर रहे हैं। उन लाखों लोगों का अपमान है जिन्होंने इंदौर को स्वच्छता में नंबर वन बनाने के लिए योगदान किया है और इंदौर जिले के कलेक्टर एवं नगर निगम के कमिश्नर का अपमान है जिन्होंने इंदौर को स्वच्छता में नंबर वन लाने के लिए निर्धारित कर्तव्यों से आगे निकलकर काम किया है। कोई बिल्ली या तेंदुआ ना तो सफलता का संकेत हो सकता है और ना ही सफलता की गारंटी। चिड़ियाघर के प्रभारी डॉ उत्तम यादव को आराम की जरूरत है। अनिवार्य सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। जनसंपर्क संचालनालय को भी चाहिए कि इस समाचार को लिखने और प्रसारित करने का आदेश देने वाले अधिकारी को समाचार चयन की जिम्मेदारी से मुक्त करके किसी ऐसे काम पर लगाएं जिसमें स्वविवेक की आवश्यकता नहीं होती।

इंदौर, तेंदुआ और 10 मार्च का संयोग जब-जब तेंदुआ शहर में घुसता है इंदौर नंबर वन आता है। इंदौर चिड़ियाघर के प्रभारी डॉ...

Posted by JDjansampark Indore on Friday, March 12, 2021


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