MP GOVERNMENT NEW TRANSFER POLICY 2021
भोपाल। मध्य प्रदेश शासन के कर्मचारियों के लिए नई तबादला नीति 2021 तैयार हो गई है। बताया जा रहा है कि जल्द ही कर्मचारियों के ट्रांसफर पर लगाया गया बेन खोल दिया जाएगा। नई तबादला नीति में कुछ परिवर्तन किए गए। भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार श्री अनिल गुप्ता की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश शासन के कर्मचारियों के लिए तबादला नीति में दो अहम बदलाव किए गए हैं।
2 साल में दूसरा तबादला प्रभारी मंत्री नहीं मुख्यमंत्री करेंगे
पहला- जिन अधिकारियों, शिक्षकों अथवा कर्मचारियों के ट्रांसफर मार्च 2020 से मार्च 2021 के बीच हुए हैं, जिले के प्रभारी मंत्री दोबारा उनके तबादले सीधे नहीं कर पाएंगे। ऐसा प्रकरण सामने आने पर ट्रांसफर की फाइल मंजूरी करने के लिए सीएम कार्डिनेशन (मुख्यमंत्री समन्वय) तक जाएगी। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद ही उनका तबादला होगा।
क्लास वन अधिकारी तबादले के खिलाफ मुख्यमंत्री तक अपील कर सकता है
दूसरा- किसी क्लास वन ऑफिसर का तबादला यदि जानबूझकर किया जाता है तो वह उसकी शिकायत मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री तक कर सकेगा। यहीं उसका निराकरण होगा। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर यह नीति लागू नहीं होगी। सोमवार को मुख्यमंत्री नई नीति पर चर्चा कर सकते हैं। पिछली कांग्रेस सरकार में 5 जून 2019 से 5 जुलाई 2019 तक तबादलों पर से प्रतिबंध हटाया गया था।
मोहंती ने शिक्षा विभाग के लिए अलग से तबादला नीति जारी की थी
तबादला नीति में सबसे बड़ा बदलाव पांच साल पहले 2015-16 में हुआ था। तब तत्कालीन स्कूल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एसआर मोहंती के समय तय हुआ था कि शिक्षा विभाग की ट्रांसफर पॉलिसी अलग से जारी होगी, क्योंकि शिक्षा का कैडर करीब पांच लाख लोगों का होता है।
कोरोनावायरस से संक्रमित हुए कर्मचारियों को तबादले में छूट मिलेगी
नई नीति में कोरोना से गंभीर बीमार हुए सरकारी कर्मी को तबादले से छूट मिल सकेगी। अभी यह छूट कैंसर, किडनी खराब, ओपर हार्ट सर्जरी आदि के चलते नियमित जांच कराने वाले कर्मियों को मिलती है।
शिक्षा विभाग नीति से बाहर होगा
मध्य प्रदेश शासन के कर्मचारियों के लिए तैयार की गई ट्रांसफर पॉलिसी से इस बार भी शिक्षा विभाग बाहर रहेगा। इसके कुछ प्रावधानों के साथ स्कूल शिक्षा व उच्च शिक्षा विभाग अपनी अलग नीति जारी कर सकते हैं।
डिप्टी एसपी का ट्रांसफर बोर्ड करेगा
नीति में पुलिस व वन महकमे होंगे, पर डिप्टी एसपी से नीचे के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड तय करेगा और मंत्री के अनुमोदन से जारी होंगे। डिप्टी एसपी या उससे सीनियर अफसरों की फाइल मंत्री की मंजूरी के बाद सीएम तक जाएगी।
मध्यप्रदेश शासन की नई तबादला नीति में पुरानी नीति के 6 प्रावधान शामिल
1. जिले में तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के तबादले मंत्री के अनुमोदन के बाद कलेक्टर के आदेश से होंगे।
2. राज्य स्तर पर तबादले सामान्य प्रक्रिया के तहत होंगे। प्रथम व द्वितीय श्रेणी के तबादले अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव या विभागीय अध्यक्ष के स्तर से विभागीय मंत्री करेंगे।
3. तृतीय श्रेणी के इंटर डिस्ट्रिक्ट तबादले विभागाध्यक्ष के प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री करेंगे।
4. राज्य प्रशासनिक सेवा की पदस्थापना जीएडी करेगा। जिले में डिप्टी कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर के ट्रांसफर के प्रस्ताव प्रभारी मंत्री से चर्चा के बाद कलेक्टर करेंगे। यही व्यवस्था तहसीलदार व नायाब तहसीलदार के लिए भी होगी।
5. किसी भी विभाग में 200 के कैडर तक 20%, 201 से 2000 तक 10% और 2001 से अधिक का कैडर है तो 5% तबादले होंगे।
6. अनूसूचित क्षेत्रों के रिक्त पदों को पहले भरा जाएगा।