भोपाल। जैसा कि मौसम के विशेषज्ञों ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया था, पश्चिम के बादल मध्य प्रदेश पहुंच गए हैं। मुरैना के कई गांव में तेज आंधी और बारिश आई। कुछ इलाकों में ओलावृष्टि हुई है जिससे सरसों एवं गेहूं की फसल चौपट हो गई। पूरे इलाके में बादल छाए रहे। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दिनांक 10 मार्च से पश्चिमी विक्षोभ के बादल पूरे मध्यप्रदेश में दिखाई देने लगेंगे।
शाम को अचानक आंधी और बारिश शुरू हो गई
सोमवार की शाम कई गांव में आंधी चली जिससे गेहूं की फसल खेतों में चादर कर तरह बिछ गई। इसके बाद कहीं बारिश तो कहीं ओलों की बरसात शुरू हो गई। शाम 5 बजे के करीब चने के आकार के ओले गिरे, जो किसी गांव में 3 मिनट तो किसी में 7 से 10 मिनट तक भी बरसे। सबसे ज्यादा ओलावृष्टि पिपरसा, सिकरौदा, फिरोजपुर, बिंडवा और आसपास के गांवों में हुई है।
अंगूर के बराबर ओले गिरे, सरसों की फसल बर्बाद
स्थानीय किसान भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि अंगूर के आकार की ओलावृष्टि से कटने को तैयार खड़ी सरसों के खेतों में दाना झड़ गया। उधर गंगापुर, देवरी, बंधा, पिपरई, जनकपुर आदि गांवों में भी तीन से चार मिनट तक ओले बरसेे हैं। इधर मुरैना से सटे लालौर गांव से लेकर माता बसैया क्षेत्र के सुरजनपुर एवं आसपास के गांव में भी हल्की ओलावृष्टि व आंधी के साथ बारिश हुई। किसान जितेन्द्र गुर्जर ने बताया कि आंधी से गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई है।
मध्यप्रदेश और राजस्थान के बॉर्डर पर चंबल किनारे भारी बारिश
जौरा क्षेत्र में राजस्थान बॉर्डर व चंबल नदी किनारे के गांवों में आंधी व बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है। कृषि विभाग के उप संचालक पीसी पटेल ने बताया कि उन्होंने मैदानी कर्मचारियों से रिपोर्ट मांगी है कि कहां-कहां बारिश, ओलावृष्टि या आंधी चली है और इससे क्या नुकसान हुआ है।