म.प्र. दुकान एवं स्थापना अधिनियम,1958 (The M.P. Shops & Establishments Act, 1958)
कुछ समय पहले हमने आपको बताया था कि किराने की दुकान से लेकर निजी बैंकों या होटलों आदि का खुलने या बंद होने का समय क्या होता है। अगर कोई व्यक्ति दुकान या निवासयुक्त होटल आदि में कार्य करता है तब वह व्यक्ति कितने घंटे काम करेगा या नियोजक,प्रबंधक के कहे अनुसार जब तक वह चाहे काम करेगा। आज हम आपको बताएंगे कि इन स्थानों पर काम करनें वाले व्यक्ति की समय सीमा क्या होती है जानिए।
मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम,1958 के अनुसार:-
1. धारा 11(2)(2) की परिभाषा:- किसी भी दुकान या वाणिज्यिक स्थापना में किसी भी कर्मचारी से सप्ताह में 48 घंटे से अधिक कार्य नहीं लिया जाएगा। जो निम्न अनुसार होगा (i). दुकान में 9 घंटे से अधिक कार्य नहीं लिया जाएगा एक दिवस में।
(ii). वाणिज्यिक स्थापना के एक दिवस में 10 घण्टे से अधिक किसी भी दिन काम नही लिया जाएगा। लेकिन सप्ताह में अतिरिक्त 6 घंटे से अधिक कार्य नहीं लिया जाएगा।
2. धारा 16(1)(2) एवं धारा 21(1)(2) की परिभाषा:- किसी भी निवासयुक्त होटल, उपाहार गृह, या भोजनालय एवं नाट्यशाला ,सार्वजनिक आमोद या मनोरंजन के स्थान पर किसी कर्मचारी या नोकर से सप्ताह में 48 घंटे एवं प्रतिदिन 9 घण्टे से ज्यादा काम नहीं लिया जायेगा। लेकिन किसी भी सप्ताह में 6 घण्टे कोई अतिरिक्त कार्य नहीं लिया जा सकता है।
दण्ड:- अगर कोई नियोजक या प्रबंधक अपने दायित्वों का पालन नहीं करता है तब वह अधिनियम की धारा 46,47,48 के अंतर्गत दंडनीय होगा। इनकी सुनवाई किसी भी द्वितीय श्रेणी के मजिस्ट्रेट के पास होगी। सजा:- कम से कम 500 रुपये जुर्माने से एक हजार रुपए का जुर्माना या तीन माह से एक वर्ष तक कि कारावास हो सकती है। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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