भोपाल। कांग्रेस पार्टी के सबसे प्रमुख नेता एवं किसी समय में ज्योतिरादित्य सिंधिया के मित्र रहे राहुल गांधी ने आज ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कटाक्ष किया है। कहा जाता है कि राहुल गांधी की पॉलीटिकल लाइफ में ज्योतिरादित्य सिंधिया के विश्वासघात की घटना, हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो जाने वाली घटनाओं में से एक है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि 'जो पहले उनकी पार्टी में 'निर्णय निर्माताओं' में गिने जाते थे, अब भगवा पार्टी में शामिल होने के बाद वह पीछे की सीट में बैठकर दर्शकों की तरह इंजॉय करते हैं।' उल्लेखनीय है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस पार्टी में थे तब लोकसभा में उन्हें राहुल गांधी के पास वाली सीट दी जाती थी। भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को पीछे की सीट दी जाती है। कांग्रेस पार्टी के हर डिसीजन में ज्योतिरादित्य सिंधिया की NOC ली जाती थी लेकिन भाजपा के महत्वपूर्ण मामलों में ज्योतिरादित्य सिंधिया को शामिल तक नहीं किया जाता।
ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहते तो मुख्यमंत्री बन सकते थे: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अगर कांग्रेस में रहते तो मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन भाजपा में वह पीछे बैठने वाले (बैकबेंचर) बनकर रह गए हैं। पार्टी की युवा शाखा को कांग्रेस संगठन की अहमियत के बारे में बताते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'अगर वह (ज्योतिरादित्य सिंधिया) कांग्रेस में रुक गए होते तो वह मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन भाजपा में वह बैकबेंचर बन गए हैं।
मुख्यमंत्री बनने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को वापस आना होगा: राहुल गांधी
सिंधिया के पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर संगठन को मजबूत बनाने का विकल्प था। मैंने उनसे कहा था- आप एक दिन मुख्यमंत्री बनोगे, लेकिन उन्होंने दूसरा ही रास्ता चुना।'राहुल ने आगे कहा, 'आप लिख लीजिए, वहां वह कभी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उसके लिए उन्हें यहां वापस आना होगा।'
राहुल गांधी अंत तक आश्वस्त थे, ज्योतिरादित्य सिंधिया विश्वासघाती नहीं है
बताने की जरूरत नहीं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की राहुल गांधी के साथ कितनी गहरी दोस्ती थी। जब मीडिया में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के समाचार प्रसारित होने लगे तो राहुल गांधी जरा भी विचलित नहीं हुए। उनका मानना था कि यह सब कुछ जो हो रहा है, कमलनाथ पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। वह अंतिम समय तक आश्वस्त थे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया विश्वासघाती नहीं हो सकते।