वैक्सीन के अलावा कोई विकल्प नहीं है - Pratidin

NEWS ROOM
प्रधानमंत्री ने कोरोना रोधी वेक्सीन लगवा कर उसकी निरापदता का संदेश देश को दिया है |वैसे अन्य देशों की तुलना में हमारे देश में कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया जल्दी शुरू हुई, जिसका श्रेय हमारे वैज्ञानिकों और देश के टीका उद्योग को जाता है| जिन्होंने एक साल के भीतर यह टीका तैयार कर इस्तेमाल के लिए उपलब्ध करा दिया है| 

अभी दो टीकों को लगाया जा रहा है, उनमें से एक 'कोविशील्ड' को विदेश में विकसित किया गया, लेकिन उसका उत्पादन भारत में भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया है|दूसरा टीका भारत बायोटेक का टीका 'कोवैक्सीन' देश में ही विकसित हुआ और बड़े पैमाने पर उसका उत्पादन हो रहा है| सारे देश को अपने वैज्ञानिकों के साथ अन्य देशों में टीकों पर काम कर रहे विशेषज्ञों का आभारी होना चाहिए, क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था कि कोई महामारी फैले और सालभर के अंदर उसका टीका तैयार हो जाए|

इस वर्ष जुलाई तक तीस करोड़ लोगों को टीका देने का लक्ष्य रखा गया है. एक मार्च से शुरू हो रहे दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान में ऐसे लोगों को टीका लग रहा है ,जिनकी उम्र साठ साल से अधिक है| इसके साथ ४५ साल से अधिक के उन लोगों को भी टीका लगेगा जो पहले से किसी ऐसी बीमारी से ग्रसित हैं, जो कोरोना संक्रमण की स्थिति में जानलेवा हो सकती हैं| दूसरे चरण में, सरकारी टीकाकरण केंद्रों के साथ-साथ निजी टीकाकरण केंद्रों में जाकर भी टीका लगवाया जा सकेगा|हालांकि निजी केंद्रों में टीका लगवाने के लिए शुल्क का भुगतान करना होगा|

वर्तमान में टीकाकरण का जो लक्ष्य रखा गया है, उसके हिसाब से मौजूदा गति को बढ़ाने की जरूरत है| धीमी गति होने की एक वजह तो यह है कि इतने व्यापक स्तर पर पहले कभी टीका देने का कार्यक्रम नहीं चलाया गया है|अभी तक बच्चों को ही विभिन्न टीके दिये जाते रहे हैं, वयस्कों में केवल गर्भवती महिलाओं को टीका जाता है| वयस्कों को इतने बड़े पैमाने पर टीका देने का हमारा पहला अनुभव है| दूसरा कारण जो टीकाकरण से संबंधित एप बनाया गया है, उसमें कुछ दिक्कतें है, जिन्हें सुधारा जाना चाहिए|

हम जानते हैं और महसूस कर रहे हैं कि क्या कमियां रहीं और क्या बाधाएं आयीं |जिन्हें, दूर कर आगामी चरणों में इस कार्यक्रम को तज किया जा सकता है |इसके लिए कुछ बातें जरूरी लगती हैं | एक, वैक्सीन की उपलब्धता में कमी नहीं आनी चाहिए, दो इतने व्यापक स्तर पर सरकारें टीकाकरण नहीं कर सकती | ऐसे में निजी क्षेत्र और स्वयंसेवी संगठनों को आगे आना चाहिए |

टीके के प्रति लोगों में हिचकिचाहट होने से भी टीकाकरण की गति धीमी है| हिचकिचाहट का एक कारण यह भी है कि कुछ लोग संक्रमण के मामलों में बहुत कमी होने से टीके लगाने की जरूरत नहीं समझ रहे हैं. ऐसे में समाज और सरकार को जागरूकता के प्रसार को भी प्राथमिकता देनी होगी. लोगों को यह बताना जरूरी है कि संक्रमण में गिरावट है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि संक्रमण समाप्त हो गया है|

कुछ बड़े शहरों के सीरो सर्वे से पता चलता है कि लगभग पचास प्रतिशत लोगों में कोरोना संक्रमण की प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है. इसका अर्थ यह है कि ये लोग संक्रमित हो चुके हैं| हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जो पचास प्रतिशत बचे हैं, वे संक्रमण के शिकार हो सकते हैं| वायरस को जब भी मौका मिलेगा, वह हमलावर हो जायेगा| जैसे अभी देश के कुछ हिस्सों में संक्रमण के मामलों की संख्या में बढ़त हुई है| जहां भी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होगी, कोरोना वायरस फैलने लगेगा|

इस संदर्भ में वायरस के नये रूपों का भी संज्ञान लेना होगा| अभी दुनिया में मुख्य रूप से तीन प्रकार ऐसे हैं, जो बड़ी चुनौती बने हुए हैं- एक इंग्लैंड का वायरस है, दूसरा दक्षिण अफ्रीका में है तथा तीसरा ब्राजील का है| भारत में ये तीनों प्रकार के वायरस मिले हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि संक्रमित लोग बाहर से आये हैं और उनकी पहचान की जा चुकी है| इन वायरसों को स्थानीय संक्रमण अभी तक नहीं हुआ है| जो टीके अभी उपलब्ध हैं और जो आनेवाले हैं, वे भले ही कुछ वायरस रूपों में कम प्रभावी हों, पर ऐसा नहीं है कि वे बिल्कुल ही प्रभावहीन हैं|भारत में इन वायरसों पर और अन्य संभावित रूपों पर निगरानी और अनुसंधान करना जारी रखना होगा| जिन जगहों पर कोरोना के नये मामले अधिक संख्या में आ रहे हैं, वहां शोध करना होगा कि कहीं वायरस ने अपना रूप तो नहीं बदल लिया है|
देश और मध्यप्रदेश की बड़ी खबरें MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
पूर्व में प्रकाशित लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
आप हमें ट्विटर और टेलीग्राम पर फ़ॉलो भी कर सकते

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!