जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 लागू करने का फैसला कर लिया गया है। नए शैक्षणिक सत्र 2021-22 के एडमिशन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार ही होंगे। कुलपति प्रोफेसर कपिल देव मिश्र ने काउंसिल हॉल में आयोजित एक बैठक में इसकी आधिकारिक जानकारी दी।
नई शिक्षा नीति: विद्यार्थी के एक हाथ में डिग्री दूसरे में अपॉइंटमेंट लेटर होना चाहिए
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठ्यक्रम निर्माण करने को लेकर आयोजित बैठक में कुलपति प्रो.कपिल देव मिश्र ने कहा कि सभी विषयों के पाठ्यक्रमों का स्वरूप इस तरह डिजाइन होना चाहिए जिससे विद्यार्थी ज्ञानवान, स्वावलंबी और चरित्रवान बने। पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद विद्यार्थी के एक हाथ में डिग्री और दूसरे हाथ में रोजगार हो।
समग्रता में देखें तो लेाकल से लेकर ग्लोबल सभी दृष्टियों से उच्च लक्ष्यों वाली एनईपी 21वीं सदी में भारत की जरूरतों- चुनौतियों को पूरा करने की दिशा में एक दूरदर्शी विजन डॉक्यूमेंट है। इसका क्रियान्वयन एक चुनौती जरूर होगी, लेकिन अगर योग्य लोगों को इसमें शामिल किया जाए तो इसे हासिल करना कठिन नहीं होगा।
बैठक में विवि एनईपी कोर कमेटी अध्यक्ष व संकायाध्यक्ष प्रो. राकेश वाजपेयी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा को लेकर एक प्रमुख सिफारिश ये की गई है कि देश में विश्वविद्यालयों की परिभाषा को बदलते हुए इसे बहु विषयों का विश्वविद्यालय बनाने को कहा गया है। इसका मतलब ये है कि किसी विवि में एक, दो या तीन विषय नहीं बल्कि सभी संभावित विषयों की पढ़ाई कराई जाना है।
इसके साथ ही उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव लाकर इसे समग्र शिक्षा बनाने का सुझाव दिया गया है। दूसरे शब्दों में कहें तो अब बी कॉम के विद्यार्थियों के लिए पॉलिटिकल साइंस या इतिहास आदि विषयों के पढ़ने का विकल्प होगा। इसी तरह मेडिकल के विद्यार्थी के पास इकोनॉमिक्स, फाइन आर्ट्स, साहित्य जैसे विषयों को पढ़ने के अवसर मिलेंगे। विज्ञान के विद्यार्थी सामाजिक अध्ययन, समाजशास्त्र का ज्ञान प्राप्त कर पाएंगे। इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कहा गया है कि स्नातक का कोर्स चार साल का होना चाहिए। लेकिन यदि कोई दो साल में जाना चाहता है उसे एक छोटी डिग्री देकर छोड़ा जा सकता है। इसी तरह तीन साल में भी एक छोटी डिग्री देकर छोड़ा जा सकता है।
इस बैठक में विवि परीक्षा नियंत्रक प्रो. एनजी पेंड्से, संकायाध्यक्ष प्रो. रामशंकर, प्रो.सुरेंद्र सिंह, प्रो. धीरेंद्र पाठक सहित अन्य अध्ययन मंडल अध्यक्ष व विषय विशेषज्ञ उपस्थित रहे।