इंदौर। मध्य प्रदेश पुलिस के एक इंस्पेक्टर की पत्नी को 13 साल तक यौन शोषण का शिकार होना पड़ा। तमाम शिकायतें करने के बावजूद जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पुलिस इंस्पेक्टर की पत्नी ने सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर FIR दर्ज करवाई। मामला मध्य प्रदेश के आबकारी विभाग का है। आरोपी अधिकारी का नाम कल्याण सिंह बताया गया है जो इंदौर में पदस्थ है। पीड़ित महिला एवं पुलिस इंस्पेक्टर की पत्नी आबकारी विभाग में इसी अधिकारी के अधीन काम करती थी। इंदौर के विजय नगर पुलिस थाने में आबकारी अधिकारी कल्याण सिंह अलावा के खिलाफ छेड़छाड़ किया गया है।
मामला क्या है, 13 साल तक FIR दर्ज क्यों नहीं हुई
घटना की शुरुआत सन 2007 में हुई। आरोपी अधिकारी कल्याण सिंह उस समय आबकारी विभाग में लेखपाल की पद पर पदस्थ था और पुलिस इंस्पेक्टर की पत्नी उसकी अधीनस्थ कर्मचारी थी। अपनी शिकायत में पीड़ित महिला ने बताया है कि आरोपी कल्याण सिंह उसे सरकारी कामकाज के बहाने अपने पास बुलाता और गंदी नियत से उसे स्पर्श करता था। पीड़ित महिला पुलिस इंस्पेक्टर की पत्नी थी। उसे डर था कि यदि पति को कुछ बताया तो विवाद बढ़ जाएगा, इसलिए उसने अपने स्तर पर अधिकारी से दूरी बना ली।
प्रमोशन होने के बाद शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाने लगा
पीड़ित महिला ने बताया कि आरोपी अधिकारी का प्रमोशन सहायक अधीक्षक के पद पर हो गया तो उसने पद का दुरुपयोग करते हुए दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया। उसने खुलकर धमकी दी कि यदि उसके साथ संबंध नहीं बनाए तो झाबुआ में ट्रांसफर करवा दूंगा। महिला दबाव में नहीं आई तो आरोपी अधिकारी ने 2008 में उसे निर्वाचन कार्यालय में अटैच करवा दिया। अटैचमेंट के बाद उसे पता चला कि उसे प्रताड़ित करने के लिए अटैचमेंट किया गया है क्योंकि निर्वाचन कार्यालय में महिलाओं का अटैचमेंट नहीं होना था।
हर स्तर पर शिकायत की परंतु कुछ नहीं हुआ
पीड़ित महिला ने बताया कि उसने सबसे पहले डिपार्टमेंट के लेवल पर शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रताड़ना बढ़ने लगी तो उसने इसके बारे में अपने पति को बताया। पति की सलाह पर महिला थाने में शिकायत की परंतु मामला दर्ज नहीं किया गया। महिला थाने की इंचार्ज इंस्पेक्टर ज्योति शर्मा का कहना है कि यह मामला विशाखा गाइडलाइन के अंतर्गत आता है। सुप्रीम कोर्ट की विशाखा गाइडलाइन के अनुसार सरकारी कार्यालय में यौन प्रताड़ना के मामले को पुलिस सामान्य शिकायत की तरह दर्ज नहीं कर सकती। सबसे पहले डिपार्टमेंटल इंक्वायरी होना जरूरी है। विभागीय जांच में दोषी पाए जाने के बाद ही विभाग के कहने पर मामला दर्ज किया जा सकता है
FIR दर्ज करवाने के लिए महिला को सरकारी नौकरी छोड़नी पड़ी
जब पीड़ित महिला कर्मचारी की शिकायत पर विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की और विशाखा गाइडलाइन के नाम पर पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया तो अपने सम्मान की लड़ाई के लिए महिला कर्मचारी ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद विजय नगर थाने में छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया।