भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अयोध्या नगर थाना क्षेत्र में आने वाले नरेला शंकरी इलाके में एक प्रॉपर्टी डीलर की फांसी पर झूलती हुई लाश मिली है। उनके पास से 11 पेज का सुसाइड नोट मिला है परंतु इतने बड़े सुसाइड नोट में कहीं भी आत्महत्या का कारण नहीं देखा। चौंकाने वाली दूसरी बात यह है कि जिस घर में रहने के कारण वह बीमार हो जाते थे, उसी घर में फांसी पर झूलती हुई उनकी लाश मिली है।
शांत वातावरण के लिए नरेला शंकरी छोड़कर अयोध्या नगर में रहने लगे थे
एएसआइ शिववचन यादव के अनुसार सुनील पूरबिया (40) एम-सेक्टर अयोध्या नगर में पत्नी और दो बेटों के साथ रहते थे। उनका पुस्तैनी मकान नरेला में है, लेकिन वहां शोर ज्यादा होने के कारण वह नरेला संकरी छोड़कर अयोध्या नगर में रहने लगे थे। सुनील के कान में परेशानी थी और थोड़ा-सा भी शोर उन्हें बीमार कर देता था। तीन महीने पूर्व ही उनका कान का ऑपरेशन हुआ था। वह चिकित्सक की सलाह पर दवा भी खा रहे थे।
सुबह कार लेकर निकले थे, नरेला क्यों पहुंचे पता नहीं
शनिवार तड़के वह घर से कार लेकर निकले थे। उनके घर वाले उनकी तलाश कर रहे थे। तभी पता चला कि वह नरेला वाले मकान पर हैं। जब उनका बेटा वहां पहुंचा तो मकान का ताला खुला था और अंदर सुनील का शव फांसी पर लटका हुआ था। यह नोट करने वाली बातें की ताला खुला हुआ था।
11 पन्ने के सुसाइड नोट में सिर्फ आत्मकथा लिखी है
सूचना मिलने पर पुलिस घटनास्थल पहुंची और पंचनामा तैयार कर शव को पीएम के लिए भेज दिया था। पुलिस को घटनास्थल से सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने केवल अपने जीवन का सफर लिखा था। सुसाइड नोट मिलने के बाद भी प्रॉपर्टी डीलर द्वारा खुदकुशी करने का कारण सामने नहीं आ पाया है।