18000 में रेमेडेसिविर इंजेक्शन बेच रहा मुनीश मेडिकोज सील, बोला -पूर्व मंत्री के PA को 20-20 हजार में दिए - JABALPUR NEWS

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जबलपुर।
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में अधिकतम खुदरा मूल्य 54 सौ रुपये वाला रेमेडेसिविर इंजेक्शन को 18 हजार रुपये में बेचने की सौदेबाजी न्यू मुनीश मेडिकोज के संचालक को महंगी पड़ी। ग्राहक की शिकायत पर SDM आशीष पांडेय व औषधि निरीक्षक ने स्टिंग कर रविवार शाम करीब सात बजे इंजेक्शन की कालाबाजारी पकड़ी, जिसके बाद मेडिकल स्टोर सील कर दिया गया। 

कार्रवाई के दौरान दुकान संचालक बार-बार यही दोहराता रहा कि इंजेक्शन का सौदा उसकी दुकान के कर्मचारी ने किया, जिसमें उसका कोई दोष नहीं है। हालांकि इंजेक्शन की सौदेबाजी एसडीएम के सामने हुई थी इसलिए दुकान संचालक का कोई बहाना काम नहीं आया। जानकारी के मुताबिक भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज को चिकित्सकों ने रेमेडेसिविर इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी थी। मरीज भोपाल में इंजेक्शन की व्यवस्था नहीं कर पाया। उसने जबलपुर निवासी अपने रिश्तेदार से सहायता मांगी। 

रिश्तेदार ने न्यू मुनीश मेडिकोज में इंजेक्शन के लिए चार दिन पूर्व संपर्क किया। जहां से जवाब मिला कि इंजेक्शन की कमी आ गई है परंतु वह दो इंजेक्शन 12 हजार रुपये में उपलब्ध करवा देगा। हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था हो जाने के कारण मरीज का रिश्तेदार इंजेक्शन खरीदने नहीं गया। रविवार को दोबारा उसी व्यक्ति ने मेडिकल स्टोर में संपर्क किया। जवाब मिला कि इंजेक्शन की कीमत बढ़ गई है। शाम चार बजे तक खरीदने पर 17 हजार रुपये लगेंगे। वह व्यक्ति कुछ देर बाद पहुंचा तो इंजेक्शन की कीमत बढ़ाकर 18 हजार रुपये कर दी गई। 

मेडिकल स्टोर के कर्मचारियों से पूर्व में मोबाइल पर हुई बातचीत की रिकार्डिंग उसने प्रशासन तक पहुंचाई जिसमें इंजेक्शन की कालाबाजारी के स्पष्ट प्रमाण थे। जिसके बाद एसडीएम पांडेय, औषधि निरीक्षक रामलखन पटेल आदि ने संबंधित व्यक्ति के साथ मेडिकल स्टोर पहुंचकर इंजेक्शन की कालाबाजारी का भांडाफोड़ किया। मोबाइल पर हुई बातचीत की रिकार्डिंग में दवा दुकान का कर्मचारी यह बोलता नजर आया पूर्व मंत्री के पीए को 20-20 हजार रुपये में इंजेक्शन बेचे हैं।

मुनीश मडिकोज के संचालक व कुछ अन्य लोगों ने कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया। जिसके बाद एसडीएम के निर्देश पर मौके पर ओमती थाने का पुलिस बल पहुंचा। उप निरीक्षक सतीश झारिया से भी संचालक व अन्य लोगों ने उलझने का प्रयास किया। जिसके बाद फटकार लगाकर उन्हें चुप कराया गया। इस दौरान एसडीएम पांडेय ने दुकान संचालक से कहा कि उसे जो भी कहना है संबंधित कोर्ट में पक्ष रख सकता है। एसडीएम ने कहा कि प्रथमदृष्‍टया यह स्पष्ट होता है कि रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही थी। मामले की जांच कर विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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